Twin Tower Demolition: सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण का काम मई में ही पूरा होना था लेकिन तैयारियां पूरी न हो पाने के कारण Edifice Design & Engineering Solution Pvt Ltd ने सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने का और वक्त मांग लिया था.अब नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. ट्विन टावर को गिराने कार्रवाई अब 28 अगस्त को की जाएगी. इसे ब्लास्ट करके गिराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक ब्लास्ट के बाद नौ सेकेंड में ही ट्विन टावर जमींदोज हो जाएगा. प्रशासन ने सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की पूरी तैयारी कर ली है.
नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट के 40 मंज़िला टावरों का है. सुप्रीम कोर्ट ने अब दोनों टावर को गिराने के लिए 4 सितंबर तक का अतिरिक्त समय दिया है. नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में इसका अनुरोध किया था. कोर्ट ने कहा, “टावर 28 अगस्त तक गिराए जाने हैं. सुपरटेक ट्विन टावर के गिराने को लेकर कुल 3700 किलोग्राम का भारी विस्फोटक लगाया जाएगा. वहीं दोनों टावरों में विस्फोटक लगाने के लिए 10 हजार सुराग किए गए हैं. जबकि बिल्डिंग के आसपास के एरिया में सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम लगाया गया है, जिससे कि यहां पर नजर रखी जा सके. इसके साथ ही ट्विन टावर के आसपास बिना परमिशन के बिल्डिंग के किसी को एंट्री नहीं दी जाएगी.
नोएडा प्राधिकरण ने 2006 में सुपरटेक बिल्डर को 17.29 एकड़ (लगभग 70 हजार वर्ग मीटर) जमीन सेक्टर-93 ए में आवंटित की थी. इस सेक्टर में एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण कराया गया था. हरेक टावर में 11 मंजिल बनाई गईं. 2009 में नोएडा अथॉरिटी के पास सुपरटेक बिल्डर ने एक रिवाइज्ड प्लान जमा कराया. इस प्लान के तहत एपेक्स व सियान नाम से ये जुड़वां टावर के लिए एफएआर खरीदा. बिल्डर ने दोनों टावरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान मंजूर कराकर 40 फ्लोर के हिसाब से 857 फ्लैट बना दिए. 600 फ्लैट की बुकिंग तक हो गई. लेकिन बाद में खरीदारों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. टॉवर गिराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कराई गई थी. हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को दोनो टावरों को गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
2021 में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निवेशकों को 12% ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाने का भी आदेश दिया था. दिल्ली-एनसीआर की बड़ी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन twin टावर को गिराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह अवैध निर्माण नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और सुपरटेक के बीच साठगांठ का परिणाम है.
सुप्रीम कोर्ट से 3 महीने का और वक्त मांग लिया था.अब नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. ट्विन टावर को गिराने कार्रवाई अब 28 अगस्त को की जाएगी. इसे ब्लास्ट करके गिराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक ब्लास्ट के बाद नौ सेकेंड में ही ट्विन टावर जमींदोज हो जाएगा. प्रशासन ने सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की पूरी तैयारी कर ली है.
noida के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट के 40 मंज़िला टावरों का है. सुप्रीम कोर्ट ने अब दोनों टावर को गिराने के लिए 4 सितंबर तक का अतिरिक्त समय दिया है. नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में इसका अनुरोध किया था. कोर्ट ने कहा, “टावर 28 अगस्त तक गिराए जाने हैं. सुपरटेक ट्विन टावर के गिराने को लेकर कुल 3700 किलोग्राम का भारी विस्फोटक लगाया जाएगा. वहीं दोनों टावरों में विस्फोटक लगाने के लिए 10 हजार सुराग किए गए हैं. जबकि बिल्डिंग के आसपास के एरिया में सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम लगाया गया है, जिससे कि यहां पर नजर रखी जा सके. इसके साथ ही ट्विन टावर के आसपास बिना परमिशन के बिल्डिंग के किसी को एंट्री नहीं दी जाएगी.
नोएडा प्राधिकरण ने 2006 में सुपरटेक बिल्डर को 17.29 एकड़ (लगभग 70 हजार वर्ग मीटर) जमीन सेक्टर-93 ए में आवंटित की थी. इस सेक्टर में एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण कराया गया था. हरेक टावर में 11 मंजिल बनाई गईं. 2009 में नोएडा अथॉरिटी के पास सुपरटेक बिल्डर ने एक रिवाइज्ड प्लान जमा कराया. इस प्लान के तहत एपेक्स व सियान नाम से ये जुड़वां टावर के लिए एफएआर खरीदा. बिल्डर ने दोनों टावरों के लिए 24 फ्लोर का प्लान मंजूर कराकर 40 फ्लोर के हिसाब से 857 फ्लैट बना दिए. 600 फ्लैट की बुकिंग तक हो गई. लेकिन बाद में खरीदारों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. टॉवर गिराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कराई गई थी. हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को दोनो टावरों को गिराने का आदेश दिया था. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
2021 में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निवेशकों को 12% ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाने का भी आदेश दिया था. दिल्ली-एनसीआर की बड़ी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन twin टावर को गिराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह अवैध निर्माण नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और सुपरटेक के बीच साठगांठ का परिणाम है.