लंदन। अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम को हराने के बाद आत्मविश्वास से लबालब भारतीय टीम मंगलवार को चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे मुकाबले में वेस्टइंडीज से भिड़ेगी तो उसका इरादा एक और जीत के साथ सेमीफाइनल की सीट पक्की करने का होगा। वेस्टइंडीज ने अपने पहले मुकाबले में जीत दर्ज की थी और उसे भी यह पता है कि एक और जीत से टूर्नामेंट के अंतिम चार में उसकी जगह लगभग पक्की हो जाएगी। भारत ने कार्डिफ में पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 26 रन से हराया था, जबकि वेस्टइंडीज ने कम स्कोर वाले मैच में पाकिस्तान को दो विकेट से शिकस्त दी थी।
हाल में आइपीएल खेल चुके वेस्टइंडीज और भारत के खिलाड़ी एक दूसरे की ताकतों और कमजोरियों से बखूबी वाकिफ हैं। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और कैरेबियाई कप्तान ड्वेन ब्रावो तो चेन्नई सुपरकिंग्स में साथ खेलते हैं, जबकि विराट कोहली और क्रिस गेल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के खिलाड़ी हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में दोनों टीमों के रिकॉर्ड की बात करें तो भारत के खिलाफ वेस्टइंडीज का रिकॉर्ड 2-1 का है। उसने 1998 में ढाका में और 2006 में अहमदाबाद में भारत को हराया। भारत ने एकमात्र जीत 2009 में जोहानिसबर्ग में दर्ज की थी।
कागजों पर भारतीय टीम का पलड़ा भारी लग रहा है। उसके बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं, जिन्होंने लगातार तीन मैचों में 300 से अधिक रन बनाए हैं। पहले मैच में बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करते हुए मुरली विजय को बाहर किया गया, जिनकी जगह रोहित शर्मा ने ली। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रोहित और शिखर धवन ने उम्दा पारियां खेली। दोनों ने 127 रन की प्रारंभिक साझेदारी की। भारत इस विजयी संयोजन को छेड़ना नहीं चाहेगा।
दूसरी ओर अच्छे खिलाड़ी होने के बावजूद वेस्टइंडीज की टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी है। पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में टेस्ट कप्तान और हरफनमौला डेरेन सैमी को भी अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली, इससे टीम की गहराई और आत्मविश्वास का पता चलता है। लेकिन फिर पाकिस्तान के खिलाफ 170 रन के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम दो विकेट से बमुश्किल जीत दर्ज कर सकी। इसके बावजूद यदि गेल, जॉनसन चार्ल्स, डेरेन ब्रावो और सैमुअल्स की मौजूदगी वाला वेस्टइंडीज का शीर्षक्रम अगर चल निकला तो भारत के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।