हैदराबाद, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने यहां शनिवार को यह घोषणा की।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि एआईएमआईएम चुनाव में उतरने वाले अपने उम्मीदवारों की संख्या की घोषणा जल्द करेगी।
बिहार के सीमांचल क्षेत्र में चार जिले हैं, जहां कुल 24 निर्वाचन क्षेत्र हैं।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि एआईएमआईएम के बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरूल इमाम होंगे, जो बिहार में तीन बार विधायक रह चुके हैं और पिछले साल जनता दल (युनाइटेड) से अलग हुए थे।
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सीमांचल का पिछड़ापन पार्टी का चुनावी मुद्दा होगा।
उन्होंने कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा जद (यू) पर क्षेत्र को पिछड़ा रखने का आरोप लगाते हुए कहा, “सीमांचल के विकास के लिए हम संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत एक क्षेत्रीय विकास बोर्ड की मांग करेंगे।”
पिछले महीने सीमांचल में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित कर चुके ओवैसी ने यह स्पष्ट किया था कि एआईएमआईएम अपने बूते चुनाव लड़ेगी। उन्होंने हालांकि चुनाव बाद गठबंधन से इंकार नहीं किया था।
यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी ने एक ही क्षेत्र में चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया, ओवैसी ने कहा, “हम अपनी संभावनाओं के बारे में यथार्थवादी हैं। हम अपनी मजबूती व कमजोरी जानते हैं।”
मुस्लिम नेता ने कहा कि पार्टी दलित व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर फोकस करेगी। ये वर्ग सीमांचल की आबादी के 70-75 फीसदी हैं।
उन्होंने कहा, “आप हमें केवल मुसलमानों तक ही क्यों सीमित रखते हैं। दलित, ओबीसी व अन्य लोग भी हैं। हम सीमांचल के विकास के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें समाज का हर तबका सम्मिलत है।”
उल्लेखनीय है कि तेलंगाना व महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरा राज्य होगा, जहां एआईएमआईएम विधानसभा चुनाव लड़ेगा।