तिरुवनंतपुरम, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को केरल में सरकारी विभागों में बड़ी संख्या में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं के रिश्तेदारों को नौकरी दिए जाने का आरोप लगाते हुए इस मामले में मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की भूमिका की सतर्कता विभाग से जांच की मांग की।
केरल में माकपा नेताओं के रिश्तेदारों की सरकारी नौकारियों में बड़ी संख्या में नियुक्ति के बाद सत्तारूढ़ दल पर भाई-भतीजावाद के आरोप लग रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वी. एम. सुधीरन ने एक बयान जारी कर कहा कि विजयन की जानकारी के बिना राज्य में कुछ भी नहीं होता।
सुधीरन ने कहा, “शीर्ष पदों पर सभी नियुक्तियां विजयन की जानकारी में हुईं, इसलिए उनकी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला सतर्कता विभाग के निदेशक जैकब थॉमस को पत्र लिखकर पहले ही मामले में जांच की मांग कर चुके हैं।”
सुधीरन ने कहा, “लेकिन, अब यह बात सामने आई है कि थॉमस मुख्यमंत्री के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं और इसलिए यह अब सिर्फ दिखावा भर रह गया है।”
केरल की चार महीने पुरानी सरकार में मजबूत दखल रखने वाले उद्योग मंत्री ई. पी. जयराजन द्वारा अपने नजदीकी रिश्तेदारों की नियुक्ति सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में शीर्ष पद पर किए जाने के बाद यह विवाद उठ खड़ा हुआ।
इसी तरह माकपा के सांसद पी. के. सिरिमाति के पुत्र पी. के. सुधीर की भी नियुक्ति विवादों में घिर गई है।
सोशल मीडिया पर चारों ओर से हुई आलोचना के बाद सुधीर की नियुक्ति रद्द कर दी गई।
सुधीरन ने कहा कि जयराजन के पास मंत्री पद से इस्तीफा देने के सिवा कोई चारा नहीं है और उनकी चुप्पी से पता चलता है कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है।