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 ‘परिवार की सलामती को लेकर चिंतित रहता था लादेन’ | dharmpath.com

Sunday , 8 June 2025

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‘परिवार की सलामती को लेकर चिंतित रहता था लादेन’

वाशिंगटन, 21 मई (आईएएनएस)। दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी के रूप में पहचाने जाने वाले ओसामा बिन लादेन से संबंधित दस्तावेजों को यहां पर सार्वजनिक कर दिया गया। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि वह अपनी चार पत्नियों, 20 बेटों और अपने अन्य रिश्तेदारों को लेकर हमेशा चिंतित रहता था और कभी-कभी वह इस बारे में विस्तृत निर्देश जारी करता था कि उन्हें स्वयं का कैसे मार्गदर्शन करना चाहिए।

लादेन ने अपने बेटे खालिद की शादी मृत अल कायदा कमांडर की बेटी से कराने में रुचि दिखाई थी। उसने इस संबंध में होने वाली दुल्हन की मां को कुछ पत्र भी लिखे थे। बिन लादेन ने इन पत्रों में शादी के बारे में बात की थी।

बिन लादेन ने अपने बेटे हमजा और हमजा की मां खैरिआह के साथ विस्तार से बातचीत की थी। हमजा और खैरिआह ने ईरान में नजरबंद रहकर लगभग एक दशक का समय बिताया था। पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में 2001 की सर्दियों के दौरान ताबिलान के पतन के कारण उन्हें नजरबंद रहना पड़ा था।

2009 में हमजा ने लादेन को एक भावनात्मक पत्र लिखा, जिसमें उसने इस बात को याद किया कि कैसे उसने 13 साल की उम्र से अपने पिता को नहीं देखा है।

पत्र में हमजा ने लिखा, “इस लंबे अलगाव से मेरा दिल दुखी है और आपसे मिलने के लिए तड़प रहा है। मेरी आंखों को अभी भी वह दिन याद है जब मैंने आपको आखिरी बार देखा था। आप जैतून के पेड़ के नीचे बैठे थे और हम सबको आपने मुस्लिमों की प्रार्थना वाली माला दी थी।”

सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों का अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद किया है।

2010 में ईरान ने लादेन के परिवार के सदस्यों को रिहा करना शुरू कर दिया। लादेन ने अपने परिजनों और अल कायदा में अपने सहयोगियों को पत्र लिखने में काफी समय बिताया। इन पत्रों में उन्होंने बताया कि वे दोबारा कैसे मिल सकते हैं।

अपनी पत्नी खैरिआह को लिखे एक पत्र में उन्होंने नम्रता पूर्वक लिखा, “ईरान से तुम्हारे लौटने का मैंने कितने समय तक इंतजार किया।”

लादेन को इस बात की आशंका थी कि ईरानियों ने उनके सामान अथवा उसके परिजनों के शरीर में जरूर कोई इलेक्ट्रॉनिक ट्रेकिंग उपकरण रख दिए होंगे। लादेन का मानना था कि ईरान के लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि बिन लादेन हमजा को अकलायदा का कार्यभार संभालने के लिहाज से उसे पालपोष रहा था। उसे लगता था कि नौजवान बेटा संगठन को ऊर्जावान बना देगा।

हमजा हालांकि अपने पिता के एबटाबाद स्थित ठिकाने पर कभी नहीं रहा। एबटाबाद पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में स्थित एक कस्बा है।

जब अमेरिकी सील के कमांडो ने लादेन के परिसर पर छापा मारा था तो उन्हें लगा कि हमजा भी वहां रह रहा होगा, लेकिन वह वहां नहीं था।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि हमजा फिलहाल कहां है लेकिन वह अब 20 साल का हो गया है।

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