बंदर सेरी बेगवान(ब्रुनेई), 3 फरवरी (आईएएनएस)। भारत वैश्विक आतंकवाद से लड़ने के लिए ब्रुनेई के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी तीन दिवसीय दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की यात्रा के तीसरे दिन बुधवार को ब्रुनेई विश्वविद्यालय में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही।
अंसारी ने कहा, “आतंकवाद की समस्या दुनिया के सभी शांतिप्रिय देशों के लिए चुनौती है। इससे निपटने के लिए समान विचारधारा वाले सभी देशों के साथ मिलकर काम करना होगा। हम ब्रुनेई के साथ अपना सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं, खासतौर से आतंकवादियों को वित्तपोषण रोकने के लिए जानकारियों के आदान-प्रदान को लेकर।”
अंसारी के मुताबिक, ऊर्जा व्यापार ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत और ब्रुनेई एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा, “वर्तमान में भारत ब्रुनेई से हर साल एक अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल खरीदता है। भारत ब्रुनेई के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जबकि यह भारत के कुल तेल आयात का बहुत छोटा-सा हिस्सा है। भारत ने साल 2014-15 में कुल 112.74 अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल खरीदा था।”
अंसारी ने कहा कि भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग के मद्देनजर ब्रुनेई के लिए हाईड्रोकार्बन के निर्यात का भी अवसर है।
उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के मद्देनजर हमें विक्रेता और खरीदार के रिश्ते से आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत ब्रुनेई में एक खाद फैक्ट्री लगाना चाहता है, ताकि यहां के हाईड्रोकार्बन संसाधनों का इस्तेमाल कर भारत की कृषि मांग पूरी की जा सके।
उन्होंने ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था में 10 हजार से ज्यादा भारतीय पेशेवरों के योगदान की सराहना की, जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी, शिक्षक और कुशल कर्मचारी शामिल हैं।