भोपाल, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने राज्य पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए सात सूत्र सुझाए हैं। उन्होंने स्मार्ट दिखने की बजाय स्मार्ट बनने पर जोर दिया।
पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को विभागीय समीक्षा में गौर ने अधिकारियों से कहा कि पुलिस के स्मार्ट होने की जरूरत समझें। यह ठीक है कि पुलिस स्मार्ट दिखे, लेकिन उसका स्मार्ट तरीके से काम भी जरूरी है। इसकी शुरुआत पुलिस को चुस्त-दुरुस्त बनाने से की जानी चाहिए। जब्त कर थानों में रखे गए वाहनों को हटाया जाए। वर्दी एक जैसी हो। इसके अलावा पुलिसकर्मी अपने लिए बनाए जा रहे जिम का भी उपयोग करें।
गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस तेजी से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करे। वह सड़कों एवं चौराहों पर दिखाई दे। अमले की मैदानी मौजूदगी तय करने के लिए वरिष्ठ और निरीक्षणकर्ता अधिकारी लगातार निरीक्षण करें। पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी महीने में कम से कम एक बार गांव में रात में जरूर रुकें।
गौर ने कहा कि पुलिस भी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बने और ई-गवर्नेस को अपनाएं।
विभागीय समीक्षा में बताया गया कि डायल-100 योजना आगामी 15 अगस्त, 2015 से राज्य के सभी 51 जिलों में एक साथ शुरू हो जाएगी। इसी तरह प्रदेश के 61 नगरों में लगने वाले 2,000 सीसीटीवी कैमरों के लिए निविदा प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो गया है। शुरुआत में 11 नगरों के 800 चौराहों पर सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी।