नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने रविवार को प्रस्तावित सार्वजनिक ऋण एजेंसी को सरकार और रिजर्व बैंक से स्वतंत्र रखे जाने की वकालत की, ताकि वित्तीय अनुशासन और सुदृढ़ हो।
बजट के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा रिजर्व बैंक के बोर्ड को संबोधित किए जाने के बाद राजन ने संवाददाताओं से कहा, “एक पेशेवर संगठन के तौर पर और रिजर्व बैंक तथा सरकार से स्वतंत्र एक सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी (पीडीएमए) वांछित है।”
राजन ने कहा कि इस तरह की स्वतंत्र संरचना से सरकार की ऋण प्रक्रिया पर कुछ अनुशासनात्मक दबाव बनेगा।
अभी यह काम रिजर्व बैंक ही देखता है।
जेटली ने बजट 2015-16 में पीडीएमए का प्रस्ताव रखा था।
बजट के मुताबिक, पीडीएमए के पास सरकारी ऋण पत्र जारी करने का अधिकार होगा। और यही एजेंसी ऋण पत्र धारकों को भुगतान भी करेगी।