जयपुर, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। जयपुर के चर्चित राजस्थानी एवं हिंदी लेखक नंद भारद्वाज ने ‘बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता’ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हो रहे हमले के खिलाफ विरोधस्वरूप अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है।
भारद्वाज ने 13 अक्टूबर को साहित्य अकादमी को लिखे एक पत्र में कहा, “लेखकों और सुशिक्षित समाज में हमलों व कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों द्वारा की गई हत्या और उनके (लेखकों) साथ खड़े होने में साहित्य अकादमी की नाकामी के खिलाफ चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं उन लेखकों की सराहना करता हूं, जिन्होंने पुरस्कार लौटा दिए हैं। मैं भी अपना पुरस्कार लौटाना चाहता हूं, जो मैंने अपने राजस्थानी उपन्यास ‘समही खुलतो मारग’ के लिए 2004 में जीता था।”
नंद ने 50,000 रुपये की पुरस्कार राशि भी लौटा दी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले माह ग्रेटर नोएडा में कथित गोमांस खाने पर कुछ लोगों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पिछले सप्ताह सबसे पहले मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल ने इस घटना और महाराष्ट्र व कर्नाटक में तर्कवादियों की हत्या के खिलाफ विरोधस्वरूप अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया। उनके बाद देशभर में विरोध स्वरूप कई अन्य पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने भी ऐसा किया।