हैदराबाद, 3 नवंबर (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को हैदराबाद उच्च न्यायालय से कहा कि शीर्ष नक्सली नेता रामकृष्ण उसकी हिरासत में नहीं है। इस तरह शीर्ष नक्सली नेता रामकृष्ण को लेकर संदेह बरकरार है।
पुलिस ने यह बात अदालत के निर्देश पर दायर किए गए एक जवाबी हलफनामे में कही है। न्यायालय एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसे रामकृष्ण की पत्नी कंडुला सिरिशा ने दायर किया था। रामकृष्ण भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य है।
सिरिशा का आरोप है कि पुलिस ने रामकृष्ण (आरके) को हिरासत में लिया है। सिरिशा ने कहा कि ओडिशा पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में आंध्र-ओडिशा सीमा पर पुलिस ने रामकृष्ण को हिरासत में लिया।
सिरिशा ने अदालत से पुलिस को आरके को पेश करने के लिए निर्देश देने की मांग की।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उसके पास पुलिस हिरासत में उसके पति के होने का कोई सबूत है। इस पर याचिकाकर्ता ने अदालत से सबूत देने के लिए दस दिनों का समय मांगा।
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सी.वी. नागार्जुन और न्यायमूर्ति एम.एस.के. जायसवाल की खंडपीठ ने सुनवाई को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया।
ओडिशा के मलकानगिरि जिले में बीते सप्ताह आंध्र और ओडिशा पुलिस के संयुक्त अभियान में कथित तौर पर 30 नक्सली गोलीबारी में मारे गए थे।
नक्सली समूह ने आरोप लगाया कि यह पुलिस का घात लगाकर किया गया एक अभियान था, जिसमें पुलिस ने आरके सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
सिरिशा के वकील वी. रघुनाथ ने कहा कि पुलिस का हलफनामा झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने कहा कि पुलिस हलफनामे में उठाए गए बिंदुओं का जवाब देने में विफल रही है।
क्रांतिकारी लेखक और नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाले वरवरा राव ने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि आरके पुलिस अभियान में घायल हो गया था।
आंध्र प्रदेश के नक्सल रोधी बल ग्रेहाउंड और ओडिशा पुलिस के 24 अक्टूबर के संयुक्त अभियान में मारे गए 24 नक्सलियों में आरके का बेटा मुन्ना (23) भी शामिल था।
इसी इलाके में दो अन्य मुठभेड़ में छह अन्य नक्सली भी मारे गए।
भाकपा-माओवादी का आरोप है कि पुलिस ने बैठक कर रहे नक्सलियों पर हमला किया। यह भी दावा किया गया कि पुलिस ने नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया और बाद में इनकी हत्या कर दी।
पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि पुलिस ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण से इनकार करने के बाद आत्मरक्षा में गोलीबारी की। इसमें एक ग्रेहाउंड कांस्टेबल की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हो गया था।