मुंबई, 29 जनवरी (आईएएनएस)। हिंदी सिनेजगत में अपनी जुदा संवाद अदायगी व खुशमिजाजी भरे अभिनय की बदौलत एक खास मुकाम बनाने वाले अभिनेता व पटकथा लेखक कादर खान को खुशी है कि पद्म पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम नहीं है। उन्होंने अनुपम खेर के नाम पर विशेष रूप से एतराज जताते हुए कहा कि ‘अच्छा हुआ कि मुझे पुरस्कार नहीं मिला।’
मुंबई, 29 जनवरी (आईएएनएस)। हिंदी सिनेजगत में अपनी जुदा संवाद अदायगी व खुशमिजाजी भरे अभिनय की बदौलत एक खास मुकाम बनाने वाले अभिनेता व पटकथा लेखक कादर खान को खुशी है कि पद्म पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम नहीं है। उन्होंने अनुपम खेर के नाम पर विशेष रूप से एतराज जताते हुए कहा कि ‘अच्छा हुआ कि मुझे पुरस्कार नहीं मिला।’
इस साल पद्म पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त में अभिनेता रजनीकांत, अनुपम खेर, प्रियंका चोपड़ा, मधुर भंडारकर, एस.एस. राजामौलि, उदित नारायण और मालिनी अवस्थी जैसी अन्य हस्तियों के नाम भी शुमार हैं।
भाजपा सांसद किरण खेर के पति अनुपम खेर ने देश में दूसरे धर्म के लोगों को सहन न किए जाने यानी असहिष्णुता के विरोध में पुरस्कार लौटाए जाने के खिलाफ अक्टूबर में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च का नेतृत्व कर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को शर्मिदगी से उबारने का प्रयास किया था। वह प्रधानमंत्री मोदी से भी मिले थे और शाबाशी पाकर ‘धन्य’ हुए थे।
इस सप्ताह की शुरुआत में पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के नाम उजागर होने के बाद कादर खान (79) ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, “अच्छा हुआ कि उन्होंने मुझे पद्मश्री नहीं दिया। मैंने जिंदगीभर किसी की खुशामद नहीं की और न आगे करूंगा। इस बार जिन लोगों को उन्होंने पुरस्कार दिए हैं, अगर उन्हें पुरस्कार मिलते हैं, तो मुझे नहीं चाहिए ये पुरस्कार।”
पिछली बार ‘हो गया दिमाग का दही’ फिल्म में दिखे कादर का मानना है कि पुरस्कार अपने आप में एक बहुत बड़ी चीज है, लेकिन इसकी अहमियत इससे सम्मानित होने वालों से होती है।
300 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके कादर ने दुखी मन से कहा, “पहले ईमानदारी थी इन पुरस्कारों में, लेकिन अब कम होती जा रही है। अफसोस की बात है कि सब बिक गए हैं। मतलबी हो गए हैं। लोग अब एक दूसरे की अदब करना भूल गए हैं और बहुत खुदगर्ज हो गए हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं यही सोच लूंगा कि जिन्हें इस साल पद्मश्री दिया गया है, मैं उनके जितना काबिल नहीं हूं। मैं इस पुरस्कार के लिए मेरे नाम का सुझाव देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं।”
कादर खान का नाम किसी भी सिनेप्रेमी के लिए नया नहीं है। ‘हिम्मतवाला’, ‘आंखें’, ‘हीरो नंबर वन’ और ‘कुली नंबर वन’ सरीखी फिल्मों में अपने हास्यबोध से रूबरू कराने वाले कादर ने कलाकारों से राजनीति से दूरी बनाने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, “मैं सभी कलाकारों से राजनीति से कटने की गुजारिश करना चाहूंगा। लौट आओ दोस्तो, पॉलिटिक्स तुम्हारी मंजिल नहीं है।”
कादर जाने-माने अभिनेता अनुपम खेर का नाम पद्मभूषण के लिए चुने जाने से काफी आहत दिखे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधने के अलावा क्या किया है?”
कादर ने कहा कि उनके लिए उनके चाहने वालों की मोहब्बत ही उनका अवार्ड है। उन्होंने कहा, “मैं उन्हें पुरस्कृत करने के सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर रहा हूं, मैं तो बस यह जानना चाहता हूं कि मुझमें कहां कमी रह गई।”
कादर ने सितंबर, 2015 को आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “अगर सरकार को लगता है कि मैंने उम्दा काम किया है, तो वह मुझे सम्मानित करेगी। यह तो लोगों का प्यार है कि वे मुझे पुरस्कृत करने की मांग कर रहे हैं।”
केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के नामों की घोषणा की, जिसके बाद सोशल मीडिया में अनुपम खेर को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर जमकर विरोध शुरू हो गया।
उल्लेखनीय है कि यह वही अनुपम खेर हैं, जिन्होंने 2010 में अपने ट्विटर अकाउंट पर पद्म पुरस्कारों की विश्वसनीयता पर उंगली उठाई थी।