कोलकाता, 25 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने की घटना पर विधानसभा चुनाव में तृणमूल के उम्मीदवार व भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने शुक्रवार को कहा कि अधिकांश राजनीतिक पार्टियां पैसे लेती हैं, लेकिन उन्हें ऐसा करते नहीं दिखाया जाता।
उत्तरी बंगाल के सिलिगुड़ी से तृणमूल के उम्मीदवार भूटिया ने कहा, “वास्तव में हर पार्टी फंड लेती है, लेकिन अधिकांश इसका खुलासा नहीं करतीं। केवल मेरी ही पार्टी को फंड नहीं मिलता है। यह सभी पार्टियों को मिलता है, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हो, कांग्रेस या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) हो। प्रत्येक पार्टी को इस रास्ते से गुजरना पड़ता है।”
भूटिया की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब एक स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर फर्जी कंपनी के समर्थन के बदले धन लेते दिखाया गया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी विपक्ष के निशाने पर हैं। कथित तौर पर रिश्वत लेने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद व विधायक शामिल हैं।
साल 2014 में लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग सीट से भाजपा के एस.एस.अहलूवालिया से पराजित हुए भूटिया ने कहा, “हम पहले देख चुके हैं कि कांग्रेस के 15-16 सांसदों ने संसद में सवाल पूछने के बदले में पैसे लिए। इसमें भाजपा के सांसद भी शामिल थे। यह हमेशा से होता रहा है।”
कांग्रेस व माकपा दोनों ने कहा कि भूटिया ने यह टिप्पणी कर ‘तृणमूल के दोष’ को स्वीकार कर लिया है।
दार्जिलिंग जिले के माकपा के सचिव जिबेश सरकार ने कहा, “वह बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन तृणमूल की राजनीति से अभी पूरी तरह अवगत नहीं हो पाए हैं। यही कारण है कि उन्होंने गलती स्वीकार कर ली। लेकिन, रसीद देकर दान लेना और रिश्वत लेना, दो अलग-अलग चीजें हैं।”
कांग्रेस के राज्य महासचिव ओ. पी. मिश्रा ने कहा, “तृणमूल ऐसी पार्टी है, जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है। हम देख चुके हैं कि स्टिंग ऑपरेशन में किस तरह उनके दर्जन भर नेता रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। उनके कई नेता शारदा घोटाले में शामिल हैं और यहां तक कि जेल भी जा चुके हैं। यह समय इस पार्टी को बंगाल से उखाड़ फेंकने का है।”