इंफाल, 3 मार्च (आईएएनएस)। मणिपुर की राजधानी इंफाल को म्यांमार से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) संख्या 102 पर अनिश्चिकालीन नाकेबंदी की वजह से गुरुवार को ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई।
28 फरवरी को एक स्कूल शिक्षक थोंगखोगिन हाओकिप की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। उन्हें न्याय दिलाने के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) गठित की गई। दोषियों को गिरफ्तार करने में प्रशासन की विफलता के विरोध में समिति ने बुधवार आधी रात से राजमार्ग की नाकेबंदी का आह्वान किया है।
नाकेबंदी के चलते 110 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद है। नतीजे में म्यांमार के साथ सीमा व्यापार बंद हो गया है। भारत-म्यांमार सीमा के निकट मोरेह में बड़ी संख्या में वाहन, पर्यटक एवं व्यापारी फंसे हुए हैं।
शिक्षक की हत्या के पीछे नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल आफ नागालिम (इसाक-मुईवाह) के कुछ सदस्यों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इस संगठन ने बयान जारी कर इस मामले में किसी तरह की संलिप्तता से इंकार किया है। यह संगठन नागा युद्ध विराम समझौते पर दस्तखत करने वाला एक पक्ष भी है।
हत्या के बारे में जेएसी के संयोजक मांगबोई हाओकिप ने कहा, “शिक्षक ने मरते समय अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि ऐईमोल सातु गांव में कारगिल शहीद के घर में एनएससीएन (आईएम) कार्यकर्ता थांगमिनाल सिमोल और उसके दो सहयोगियों सामबोई एवं ग्राऊंडथांग के साथ मिलकर कुछ अज्ञात लोगों ने उसकी जमकर पिटाई की।”
उन्होंने कहा कि हत्या के अगले दिन गांव के लोगों ने शव के साथ रैली निकाली और दोषियों को सौंपने की मांग की। लेकिन, इस दौरान घर में छिपे सशस्त्र लोगों ने स्वचालित राइफलों से गांव वालों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों ओर से करीब 20 मिनट तक ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। लेकिन इस गोलीबारी में कोई घायल नहीं हुआ।
इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने सड़क के किनारे बने घर में आग लगा दी और एनएससीएन द्वारा बनाए गए चेक गेट को तोड़ दिया।