नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने बुधवार को यहां आयोजित एक समारोह में चेन्नई के एग्मोर-ताम्बरम उपनगरीय खंड पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कागज रहित अनारक्षित टिकट के लिए मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया।
रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों की खातिर रेलवे ‘ऑपरेशन पांच मिनट’ के प्रति कटिबद्ध है। ‘ऑपरेशन पांच मिनट’ के तहत महज पांच मिनट के भीतर कोई भी अनारक्षित ट्रेन टिकट खरीदा जा सकता है और कागज रहित अनारक्षित मोबाइल टिकट को आज लांच किया जाना इस दिशा में पहला कदम है।
उन्होंने कहा कि इस सुविधा के तहत यात्री कहीं आते-जाते वक्त भी टिकट खरीद सकते हैं और अपने मोबाइल फोन पर आए टिकट संबंधी एसएमएस को दिखाकर निर्धारित ट्रेन से सफर कर सकते हैं। इसके लिए टिकट का प्रिंट लेने की कतई जरूरत नहीं है।
रेल मंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘कायाकल्प’ परिषद का गठन किया है, जो भारतीय रेलवे की बेहतरी के लिए अनूठे विचारों पर गौर करेगी। सुरेश प्रभु ने भारतीय रेलवे के एक आईटी प्रकोष्ठ रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (क्रिस) में भारतीय रेलवे डाटा सेंटर की आधारशिला रखने के लिए एक पट्टिका का अनावरण भी किया, जो आवश्यक कम्प्यूटर उपकरणों को सहेज कर रखने की अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा।
सुरेश प्रभु ने कहा कि वह इस नई इमारत के पर्यावरण अनुकूल होने की उम्मीद करते है। उन्होंने उच्च गुणवत्ता एवं कम लागत सुनिश्चित करते हुए तय समयसीमा से पहले ही इस इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अधिकारियों का आह्वान किया।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) अजय शुक्ला ने कहा कि तकरीबन दो करोड़ यात्रीगण हर दिन लगभग 11470 काउंटरों और 5836 स्थानों पर अनारक्षित टिकट खरीदते हैं, जिनसे हर रोज करीब 52 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित होता है। उन्होंने भारतीय रेलवे हेतु कागज रहित अनारक्षित टिकट प्रणाली का मोबाइल एप्लिकेशन सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए क्रिस को बधाई दी।
इस एप्लिकेशन में ऑन-स्क्रीन अलर्ट देने की सुविधा है, जिससे बुकिंग प्रक्रिया के दौरान यात्री का मार्गदर्शन होता रहेगा। इस ऐप में दी गई ‘रेलवे वॉलेट’ सुविधा के जरिए टिकट का भुगतान किया जाता है। टिकट की बुकिंग के बाद संबंधित यात्री को ‘टिकट पुष्टि स्क्रीन’ हासिल होगी, जिसमें टिकट के बारे में सीमित सूचनाएं होंगी। कागज रहित मोड में बुक किए गए टिकट को निरस्त नहीं किया जा सकेगा। इसका मुख्य उद्देश्य सफर के बाद रिफंड का दावा करने से यात्री को रोकना है।