नई दिल्ली, 29 फरवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में 2016-17 का बजट पेश करने के दौरान ऐलान किया कि देश के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए घरेलू-प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के खुदरा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी।
अगले वित्त वर्ष के लिए अपने बजट प्रस्तावों में जेटली ने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मंजूरी दी जाएगी।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल की यह प्रमुख मांग थी कि घरेलू खाद्य उत्पादों के खुदरा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति दी जाए।
बादल ने इसी माह अपनी इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा था। उन्होंने लिखा था, “इससे मुद्रास्फीति कम होगी जिससे उपभोक्ता को फायदा होगा, अपव्यय कम होगा, स्थिर मूल्य पर भोजन की ताजा और प्रसंस्कृत किस्म की उपलब्धता बढ़ेगी और कृषि तकनीक में भी सुधार होगा।”
अपने पत्र के बारे में हरसिमरत ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री से भारत में उत्पादित-प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के खुदरा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश की मांग की। इससे बड़ी कंपनियां एक बुनियादी ढांचा तैयार कर सकती हैं, विशेष रूप से कृषि के लिए और साथ ही कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों को भी ला सकती हैं।”
भारत में अभी केवल कागज पर ही खाद्य उत्पादों के खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है। लेकिन, अभी तक इस संबंध में किसी भी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिली है क्योंकि वर्तमान सरकार ने इस मामले पर अपना रुख साफ नहीं किया है और विचार-विमर्श को जारी रखा हुआ है।