दरअसल, सरकार और निजी उद्यमों पर हमेशा ही अपनी मूल्यवान खुफिया जानकारी को हैकर्स से बचाने के लिए साइबर नेटवर्क को मजबूत करने का दबाव रहता है।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार पहली बार समूह के किसी अन्य देश को ब्रिटेन के बाहर सुरक्षा केंद्र स्थापित करने की अनुमति दे रही है।
समझौते के अनुसार, राज्य के विश्वविद्यालयों में आठ संस्थानों को इस सूची में शामिल किया गया है, जिसमें मेलबर्न का रक्षा-विज्ञान संस्थान और अन्य निजी कंपनी हैं।
सरकार के अनुसार, यह केंद्र राष्ट्रीय साइबर खतरों से निपटने में मददगार होगा, जिनमें दो केंद्रों का 2016 की पहली छपाही तक गठन और कार्य शुरू हो जाएगा।
मुख्य समझौते के अलावा, आस्ट्रेलिया सरकार ने खुलासा किया कि उसने एक अन्य मसौदे पर भी बातचीत की, जिसके तहत आस्ट्रेलिया कॉमनवेल्थ साइंटिफिक और इंडस्ट्रियल रिसर्च का डिजिटल रिसर्च प्रोग्राम डेटा61 को मेलबर्न में स्थापित किया जाए।
नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क (एनबीएन), ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख बैंक और इसकी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी ‘टेलस्ट्रा’ भी मेलबर्न में अपने साइबर सुरक्षा अभियानों को स्थापित करना चाहती है।
विक्टोरिया के व्यापार, लघु उद्योग, नवाचार मंत्री फिलिप डालीडाकिस ने इस साझेदारी के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उनका कहना है कि इस समझौते ने राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम किया है।
फेयरफैक्स मीडिया की मंगलवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न में सुरक्षा केंद्र स्थापित करने के फैसले के पीछे विक्टोरिया सरकार का प्रत्यक्ष योगदान है।