जेरुसलम, 4 नवंबर (आईएएनएस)। फिलिस्तीनी सरकार ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायली कार्रवाइयों पर नतीजे भुगतने की मंगलवार को चेतावनी दी है। फिलिस्तीन ने कहा है कि इजरायल गुस्सा और धार्मिक फसाद भड़का रहा है।
सरकार ने अपनी साप्ताहिक बैठक में अल-अक्सा मस्जिद और जेरूसलम पर लगातार इजरायली हमलों, जेरूसलम के पुराने शहर में जारी घेराबंदी, आसपास के इलाके का जांचचौकियों और सीमेंट के खंबों से घेरने और शहर के अरबी निवासियों पर सामूहिक सजा थोपने की निंदा की है।
सरकार द्वारा जारी एक बयान में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अपनी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारियां निभाते हुए इजरायल द्वारा हेब्रोन, जेरूसलम और अन्य फिलिस्तीनी इलाकों में जारी अपराधों और आक्रमकता को रोकने की मांग की गई है।
सरकार ने यह बैठक अपवाद स्वरूप दक्षिणी वेस्ट बैंक के हेब्रोन शहर में आयोजित की। फिलिस्तीनियों और इजरायल के बीच अक्टूबर में शुरू हुए वर्तमान तनाव के कारण सर्वाधिक हिंसा इसी शहर ने झेली है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हिंसा में मारे गए 74 फिलिस्तीनियों में से 29 हेब्रोन के थे।
सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा से आग्रह किया है कि वह पुराने हेब्रोन शहर से बस्तियां हटाने और शुहादा मार्ग को पुन: खोलने के लिए इजरायल पद दबाव बनाए।
सरकार ने पुराने हेब्रोन शहर में फिलिस्तीनी सुरक्षा बलों को फिर से तैनात करने की मंजूरी देने की भी मांग की है।
साथ ही सरकार की मांग है कि इजरायल के सभी नए कदमों जैसे कि शहर की इब्राहिमी मस्जिद में प्रवेश के लिए फिलिस्तीनियों पर लगाए गए उम्र के प्रतिबंध को समाप्त किया जाए।
सरकार ने हेब्रोन निवासियों के लिए कई योजनाएं भी घोषित की।
सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजक से निहत्थे फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायली अपराधों की तत्काल जांच की भी मांग की है।