लखनऊ, 26 सितंबर (आईएएनएस)। नर्मदा बचाओ आंदोलन के लिए चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर शनिवार को इलाहाबाद में गिरफ्तार कर ली गईं। उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है। वह भूमि अधिग्रहण का विरोध करते गिरफ्तार हुए लोगों के परिजनों से मिलने करछना तहसील के कचरी गांव जा रही थीं।
कचरी गांव में दिवंगत सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बनवारी लाल शर्मा की बरसी के मौके पर एक जनसभा भी होनी थी, जिसमें मेधा को शामिल होना था। इलाहाबाद के जिलाधिकारी संजय कुमार ने शुक्रवार की रात मेधा पाटकर से अपनी यात्रा रद्द कर देने का अनुरोध किया था, क्योंकि आयोजन स्थल पर निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
मना किए जाने के बावजूद पहुंचीं मेधा को पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया। सुबह पता चलने पर वहां उनके सैकड़ों समर्थक जुट गए। करीब 11 बजे मेधा अपने समर्थकों के साथ पैदल ही कचरी के लिए निकल पड़ीं, मगर स्वराज विद्यापीठ के पास पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया तो वह सड़क किनारे धरने पर बैठ गईं।
मेधा के कचरी गांव जाने से इलाके में तनाव की आशंका के मद्देनजर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई।
मेधा पाटकर भूमि अधिग्रहण का विरोध करते गिरफ्तार हुए लोगों की जल्द रिहाई की मांग कर रही हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
इलाहाबाद के यमुना पार स्थित कचरी में पावर प्लांट लगाने के लिए सरकार ने किसानों की जमीन अधिग्रहीत की है। किसानों का कहना है कि उन्हें सरकार ने उचित मुआवजा नहीं दिया, इसलिए वह अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं।
मेधा पाटकर ने कहा कि लालू प्रसाद से रिश्तेदारी के बाद मुलायम सिंह यादव बदल गए हैं। उनकी सरकार किसानों की जमीन हड़पना चाहती है। जमीन हड़पने के विरोध करने पर महिलाएं और बच्चे तक को गिरफ्तार कर लिया जाता है, क्या सही समाजवाद है?
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ट्रांस यमुना) आशुतोष मिश्रा ने कहा कि जहां धारा 144 लागू है, वहां मेधा के जाने से शांति भंग होने की आशंका थी, इसलिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत मेधा पाटकर और नके 10 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।