Wednesday , 8 May 2024

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उप्र : देह व्यापार में मां-बेटे को 7 साल कैद

युवती एक दिन मौका पाकर उनके चंगुल से भाग निकली और शहर कोतवाली की पुलिस के पास पहुंचकर मां-बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामला झांसी न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रक कोर्ट में चल रहा था। दोष साबित हो जाने पर अदालत ने आरोपी मां-बेटे को सात वर्ष का सश्रम करावास एवं अर्थदंड सुनाया।

जिला न्यायालय के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जाहिद मंसूरी ने रविवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कांदी निवासी 19 वर्षीय युवती घर से भागकर दिल्ली आई थी। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर झांसी के गुदरी मोहल्ला निवासी रानी उर्फ हाजरा बेगम (उस्मान अली की पत्नी) युवती को अपनी बिरादरी का बताते हुए अच्छी तरह देखभाल करने व अपने बेटे के साथ विवाह कराने का झांसा देकर अपने साथ झांसी ले आई थी।

झांसी लाने के बाद हाजरा ने कुछ दिन उसे ठीक तरह से अपने घर में रखा। वह अपने 21 वर्षीय बेटे फारुख के साथ उसका निकाह करवाने की बात कहती रही, मगर इसके बाद जबरन उससे देह व्यापार करवाने लगी। मना करने पर मां-बेटे ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। दहशतजदा युवती मन मारकर अनैतिक व्यापार करने को मजबूर हो गई।

5 जनवरी, 2014 को हाजरा के घर कुछ मेहमान आए हुए थे। उसी समय मौका पाकर पीड़िता उनके घर से भाग निकली और किसी प्रकार कोतवाली पहुंची। उसने पुलिस को आपबीती सुनाई। पुलिस ने मां-बेटे के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद में दोनों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रक कोर्ट के न्यायाधीश सुरेश चंद्र ने पीड़िता के साथ वेश्यावृत्ति कराए जाने सहित विभिन्न धाराओं में आरोप सिद्ध होने पर हाजरा बेगम को धारा 366 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास, 5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 323 व 342 में तीन-तीन माह का सश्रम कारावास, एक हजार रुपये अर्थदंड, देह व्यापार अधिनियम की धारा 3 व 5 के तहत एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास, एक-एक हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 6 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड और अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई।

अदालत ने हाजरा के बेटे फारुख को धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए सात वर्ष का सश्रम करावास, 5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 323, 342 में तीन-तीन माह का सश्रम कारावास, एक हजार रुपये अर्थदंड, देह व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3, 5, 6 के तहत एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 8 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास, पांच हजार रुपये का अर्थदंड और अदा न करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।

उप्र : देह व्यापार में मां-बेटे को 7 साल कैद Reviewed by on . युवती एक दिन मौका पाकर उनके चंगुल से भाग निकली और शहर कोतवाली की पुलिस के पास पहुंचकर मां-बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामला झांस युवती एक दिन मौका पाकर उनके चंगुल से भाग निकली और शहर कोतवाली की पुलिस के पास पहुंचकर मां-बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामला झांस Rating:
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