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उप्र : प्रधानपति की हत्या में 7 आरोपी दोषी, उम्रकैद की सजा

यह मामला पसगवां के मुड़ियां चूरामड़ि गांव का है। यहां की प्रधान सुनीला सिंह के पति हरेंद्र सिंह 28 सितंबर, 2011 की दोपहर करीब तीन बजे मुड़िया गांव में नाली बनवा रहे थे। तभी गांव के शमशेर, शौकत, रिजवान, रामू, आजाद, प्रकाश और माताराम असलहे लेकर आ गए। शमशेर के पास लाइसेंसी रायफल थी, जबकि अन्य के पास तमंचे थे। इन लोगों ने हरेंद्र को गोलियां से भून डाला।

हरेंद्र के भाई राजपाल सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर रायफल और तमंचे बरामद करते हुए जेल भेज दिया। अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए सहायक शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल जायसवाल और शैलेंद्र सिंह गौड़ ने मामले को साबित करने के लिए अदालत में वादी मुकदमा राजपाल सिंह, चश्मदीन गवाह, हर गोविंद सिंह, डॉ. अखिलेश खरे, एसओ जितेंद्र सिंह, एसआई अरुण सिंह, एसआई शिवगोपाल, एसआई अश्वनी यादव समेत 12 गवाहों को कोर्ट में पेश किया।

न्यायालय ने 15 मार्च को सभी आरोपियों को प्रधानपति हत्या का दोषी करार दिया था। न्यायालय ने सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। जिला न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय तक ने सभी आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।

उप्र : प्रधानपति की हत्या में 7 आरोपी दोषी, उम्रकैद की सजा Reviewed by on . यह मामला पसगवां के मुड़ियां चूरामड़ि गांव का है। यहां की प्रधान सुनीला सिंह के पति हरेंद्र सिंह 28 सितंबर, 2011 की दोपहर करीब तीन बजे मुड़िया गांव में नाली बनवा यह मामला पसगवां के मुड़ियां चूरामड़ि गांव का है। यहां की प्रधान सुनीला सिंह के पति हरेंद्र सिंह 28 सितंबर, 2011 की दोपहर करीब तीन बजे मुड़िया गांव में नाली बनवा Rating:
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