Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 उप्र में आलू से महंगा बिक रहा भूसा! | dharmpath.com

Saturday , 14 June 2025

Home » भारत » उप्र में आलू से महंगा बिक रहा भूसा!

उप्र में आलू से महंगा बिक रहा भूसा!

लखनऊ, 20 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 50 जिले सूखे से प्रभावित हैं। वहीं सूखे की मार झेल रहे इन जिलों में अब पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे का संकट पैदा हो गया है। मौसम की बेरुखी के चलते इस बार भी चारे के संकट से छुटकारा मिलना असंभव है।

लखनऊ, 20 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 50 जिले सूखे से प्रभावित हैं। वहीं सूखे की मार झेल रहे इन जिलों में अब पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे का संकट पैदा हो गया है। मौसम की बेरुखी के चलते इस बार भी चारे के संकट से छुटकारा मिलना असंभव है।

पशुधन एवं पशुपालन विभाग के अनुसार, हालांकि गर्मियों में हरे चारे की व्यवस्था के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

पशुपालन विभाग के सूत्रों की मानें तो हरे चारे की किल्लत व भूसे की बढ़ती कीमतों ने पशुपालकों की कमर तोड़ दी है। आलम यह है कि भूसा आलू से महंगा बिक रहा है। आलू जहां 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, वहीं भूसा 1000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक दाम पर बेचा जा रहा है।

विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि सूखे की वजह से हरे चारे बरसीम, रिजका, जई व चूरी की कमी की वजह से भूसे की मांग में वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया, “पिछले रवि के सीजन में ओला व अतिवृष्टि की वजह से गेंहू की फसल को नुकसान हुआ था। इससे भी भूसे का संकट पैदा हो गया। भूसे का इस्तेमाल पेपर उद्योग में होने से भी उसकी कीमतें बढ़ती हैं।”

विभाग के सूत्रों की मानें तो सूखे को देखते हुए आने वाले दिनों में भी भूसे और हरे चारे के संकट से छुटकारा पाना आसान नहीं दिख रहा है। पशुचारे का संकट देशव्यापी है, क्योंकि लगभग 20 करोड़ पशुओं के सापेक्ष आधा चारा ही उपलब्ध है।

विभाग के मुताबिक, केंद्र सरकार की समिति ने हाल ही में एक रिपोर्ट दी है जिसमें बताया गया है कि देश में हरे चारे और भूसे का संकट है। देश में शुष्क चारे का 40 प्रतिशत, हरे चारे का 36 फीसदी और पूरक आहार की 57 फीसदी कमी है।

कृषि वैज्ञानिक चंद्रकात पांडेय ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि पिछले सत्र में गेहूं का पौधा कमजोर रहा और लंबाई भी पहले की अपेक्षा 10 फीसदी घटी है। इसकी वजह से भूसे का संकट पैदा हुआ है।

उन्होंने बताया कि भूसे की कमी को पूरा करने के लिए किसानों को पुआल का प्रयोग करना पड़ता है। लेकिन यह पशुओं के लिए लाभकारी साबित नहीं होता।

विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बुंदेलखंड में पशुओं के चारे की कमी की स्थिति और भयावह है। इससे निपटने के लिए सरकार की तरफ से भूसा और शुष्क चारे की खरीद की योजना लागू की है। इस वजह से भी अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध भूसा बुंदेलखंड में भेजा जाएगा।

उप्र पशुधन विकास परिषद के कार्यकारी अधिकारी बीबीएस यादव के मुताबिक, पशुओं के लिए वर्ष भर हरे चारे की व्यवस्था करने के लिए बरसीम, जई और ज्वार जैसे बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं। इससे किसानों को काफी लाभ मिलता है।

उप्र में आलू से महंगा बिक रहा भूसा! Reviewed by on . लखनऊ, 20 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 50 जिले सूखे से प्रभावित हैं। वहीं सूखे की मार झेल रहे इन जिलों में अब पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे का संकट पैदा लखनऊ, 20 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में 50 जिले सूखे से प्रभावित हैं। वहीं सूखे की मार झेल रहे इन जिलों में अब पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे का संकट पैदा Rating:
scroll to top