लखनऊ, 3 नवंबर – उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में विभिन्न पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के निराकरण के लिए जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है। यह प्राधिकरण स्वतंत्र रूप से राज्य में जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन एवं अल्पीकरण से संबंधित कार्यो का संचालन करेगा।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्राधिकरण के संचालन के लिए मुख्यमंत्री अखिल यादव की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन, नगर विकास, वित्त विभाग, निदेशक पर्यावरण के अतिरिक्त 04 विषय विशेषज्ञ एवं 02 गैर संस्थागत संगठन के प्रतिनिधि रखे जाएंगे।
बताया गया है कि शीर्ष समिति के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा। इसमें मिशन विभागों के प्रमुख सचिवों के अतिरिक्त 4 विषय विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
प्राधिकरण के प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यो के संचालन के लिए निदेशक पर्यावरण निदेशालय के अंतर्गत एक कार्यकारी निकाय होगा। इस प्राधिकरण की न्यूनतम आवश्यकताओं के आधार पर अधिकारियों एवं अधीनस्थ कार्मिकों के पदों का सृजन वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा।
प्राधिकरण के कार्यो के प्रारंभिक संचालन के लिए 20 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा कोर फंड के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार के निदेशरें के क्रम में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन योजना के अनुरूप, प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय एक्शन प्लान तैयार किया है।
इसके तहत 7 मिशन विभागों को सम्मिलित किया गया है। इनमें सामरिक ज्ञान मिशन-पर्यावरण विभाग, संवर्धित ऊर्जा कुशलता मिशन-ऊर्जा विभाग, सतत पयार्वास मिशन-आवास विभाग, सतत कृषि मिशन-कृषि विभाग, हरित भारत मिशन-वन विभाग, सौर मिशन-अतिरिक्त ऊर्जा विभाग तथा जल मिशन-सिंचाई विभाग शामिल हैं।