जितिन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम मात्र की है। प्रदेश में होने वाले सांप्रदायिक दंगों की जिम्मेदार सपा और भाजपा सरकार है। ये केवल वोटों के बंटवारे की राजनीति करना चाहते हैं। अभी हाल ही में हुई दादरी की घटना और पूर्व में हुई मुजफफरनगर की घटनाओं की जिम्मेदारी हमारी नजर मंे दोनों ही राजनैतिक पार्टियों की है।
इन घटनाओं के पीछे कार्यवाही के नाम केवल खाना पूर्ति की जाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इन्हें आइना दिखाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है जिस पर कार्रवाही के नाम पर केवल वादे किए जाते हैं। लोकसभा चुनाव में हुई हार के सवाल का जवाब देते हुए जितिन ने कहा, “हमारी सरकार सिद्धांतवादी थी और जो सिद्धांतवादी होते हैं, उन्हें मुश्किलों का सामना करना ही पड़ता है।”
जितिन ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से विकास, बेरोजगारों को नौकरी देने, धर्म-जाति के नाम पर समाज को बांटने की राजनीति नहीं करती और आगे भी नहीं करती है। जनता बहकावे में आई थी, जिस कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।