उन्होंने यश भारती के लिए प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन की पत्नी सुरभि रंजन के नाम की घोषणा को सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मनमाने तरीके से यह पुरस्कार दे रही है, जिसे वह शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि वे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले यश भारती पुरस्कार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शनिवार को चुनौती देंगे।
उन्होंने कहा कि यश भारती पुरस्कारों में कई ऐसे नाम हैं, जिनसे उनके सामाजिक क्षेत्र में किए गए कार्य निश्चित रूप से बेहतर हैं।
अमिताभ ने कहा कि जिस प्रकार पहले चुपके-चुपके 22 नाम घोषित किए गए और बाद में आज 12 और नाम बढ़ा कर अब कुल 34 नाम कर दिए गए हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि ये पुरस्कार मनमाने तरीके से दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की पत्नी को यह पुरस्कार दिया जाना सीधे-सीधे स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है और इन पुरस्कारों की विश्वसनीयता को समाप्त कर देता है।
इसी प्रकार तमाम ऐसे नाम हैं, जो स्पष्टत: इस योग्य नहीं हैं कि उन्हें ये पुरस्कार दिए जाएं।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार बिना किसी सम्यक प्रक्रिया के 11 लाख रुपये का पुरस्कार और 50,000 रुपये प्रति माह का पेंशन दिया जाना स्थापित प्रशासनिक सिद्धांतों के विरुद्ध है और मनमानेपन की निशानी है, इसलिए वह इस मामले को हाईकोर्ट में उठाएंगे।