लखनऊ , 7 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने कामधेनु डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए बैंक ऋण पर 5 वर्ष तक ब्याज की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, कामधेनु योजना में बैंक से लिए गए ऋण पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 5 वर्षो तक ब्याज की प्रतिपूर्ति अधिकतम 32़ 82 लाख रुपये, मिनी कामधेनु योजना में 13़ 66 लाख रुपये तथा माइक्रो कामधेनु योजना में 7़ 29 लाख रुपये प्रति इकाई सरकार द्वारा की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया है कि सिर्फ गाय की डेयरी स्थापित करने तथा निर्धारित अवधि में यूनिट पूर्ण करने पर कामधेनु योजना के तहत 5 लाख रुपये, मिनी कामधेनु योजना में 2़ 5 लाख रुपये तथा माइक्रो कामधेनु योजना में 1़ 25 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
बैठक में उप्र राज्य चीनी निगम लिमिटेड एवं उसकी सहायक कंपनियों के अधीन बंद चार चीनी मिलों (महोली, बुढ़वल, छाता एवं नंदगंज) को इंटीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित करने के लिए दीर्घकालीन (30 वर्ष) लीज पर निजी निवेशकर्ताओं को दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई।
मंत्रिमंडल ने नव संचालित एवं निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों के परिसर में या उसके समीप पीपीपी मॉडल पर माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना व संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के नव स्थापित एवं निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न उपाए किए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में नवस्थापित एवं निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज परिसर में या उसके समीप सीबीएसई से मान्यता प्राप्त गुणवत्तायुक्त माध्यमिक विद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
यह कार्य पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मॉडल पर किया जाएगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज परिसर में अथवा उसके समीप राज्य सरकार द्वारा संबंधित संस्था को 2 एकड़ भूमि लीज पर नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी। विद्यालय का संचालन सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त कर किया जाएगा तथा विद्यालय संचालकों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
इसके अलावा बैठक में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के शिक्षकों के वेतन एवं भत्ते एसजीपीजीआई-लखनऊ के समान किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत केजीएमयू के शैक्षिक पदों पर एसजीपीजीआई से समानता के आधार पर प्रस्तावित पुनर्गठित ढांचा को स्वीकार कर लिया गया है।
इसके क्रियान्वयन से केजीएमयू के समस्त शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर होंगी तथा उनके वेतन व भत्ते एसजीपीजीआई के समान हो जाएंगे।