न्यायमूर्ति राजन राय की खंडपीठ के सामने याचीपक्ष की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि परीक्षा शुरू होने से बहुत पहले से पेपर लीक की चर्चा थी और परीक्षा शुरू होते ही लीक की बात सार्वजनिक हो गई थी और इस संबंध में एसटीएफ ने थाना गौतमपल्ली में मुकदमा कायम करते हुए 13 लोगों को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि एआईपीएमटी मामले की सुनवाई के समय रोहतक के पुलिस अधीक्षक ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि विजय यादव, नन्हा और सुजीत नाम के तीन लोगों ने सीपीएमटी में भी पेपर लीक किया था। इसलिए उन्होंने परीक्षा रद्द करने की मांग की, जिसका राज्य सरकार ने विरोध किया था।
दूसरी ओर, चयनित छात्रों की ओर से उनके अधिवक्ता ने इस मामले में अपना पक्ष रखने की अनुमति मांगी थी और राज्य सरकार से इस मुकदमे को भी इलाहाबाद पीठ में भेजे जाने का अनुरोध किया था।
शुक्रवार को अदालत ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद एसटीएफ को इस मामले में अब तक की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा। साथ ही चयनित छात्रों को अपनी बात कहने की अनुमति दे दी। सुनवाई की अगली तिथि 28 जुलाई तय की गई है।