बताया गया है कि चूंकि घटना के समय इन मशीनों को आपरेट करने वाला मैनपावर नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
एनसीएल सूत्रों के अनुसार, खदान की मिड इंट्री कोल सेक्शन में एकाएक ओबी का बड़ा हिस्सा भराभरा कर गिर गया, संयोग अच्छा था कि उस वक्त तीनों ही मशीनों से एनसीएल एवं संविदा कर्मी जा चुके थे। ओबर वर्डेन का हिस्सा इतना ज्यादा था कि पीएंडएच-2 का बूम टूट कर नीचे गिर गया। इस दौरान चारों मशीन पर कार्य करने वाले कर्मी पहले ही जा चुके थे।
महाप्रबंधक राजाराम सिंह ने घटना के बावत मुख्यालय एवं डीजीएमएस वाराणसी को अवगत कराते हुए घटना स्थल का निरीक्षण कर जांच टीम गठित कर दी है।
उधर, जयंत परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं के भी अधिकारी दुर्घटना के बावत जानकारी लेने मौके पर पहुंचे। खड़िया प्रबंधन इस घटना को भूकंप के झटकों से जोड़ रहा है, लेकिन श्रमिक नेताओं व कर्मचारियों ने बेंचकटिंग न होना दुर्घटना का मुख्य वजह बताई। इस घटना से कोयला खनन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।