वाशिंगटन, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रौद्योगिकी कंपनियां एप्पल और गूगल लगातार तीसरे वर्ष दुनिया के अव्वल ब्रांड बनी रहीं। इसके साथ ही इंटरब्रांड की 16वीं सालाना सर्वाधिक मूल्यवान वैश्विक ब्रांड रपट में प्रौद्योगिकी कंपनियों का दबदबा बना रहा।
इंटरब्रांड ने कहा, “लगातार तीसरे साल एप्पल (सूची में प्रथम स्थान पर) और गूगल (दूसरे स्थान पर) शीर्ष स्थान पर बनी रहीं। एप्पल का ब्रांड मूल्य 170.276 अरब डॉलर दर्ज किया गया। यह मूल्य गत वर्ष के मुकाबले 43 फीसदी अधिक है।”
ब्रांड परामर्श कंपनी ने अपने बयान में कहा, “गूगल इंक का ब्रांड मूल्य गत वर्ष के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ा और यह 120.314 अरब डॉलर है।”
रपट के मुताबिक, एप्पल और गूगल के बाद शीर्ष 10 ब्रांडों में शामिल रहे कोका कोला (78 अरब डॉलर), माइक्रोसॉफ्ट (67 अरब डॉलर), आईबीएम (65 अरब डॉलर), टोयोटा (49 अरब डॉलर), सैमसंग (45 अरब डॉलर), जनरल इलेक्ट्रिक (42 अरब डॉलर), मैकडॉनल्ड (39 अरब डॉलर) और अमेजन (37.948 अरब डॉलर)।
सूची के शीर्ष नौ ब्रांड पिछले वर्ष के अपने स्थान पर कायम हैं। अमेजन ने हालांकि मर्सिडीज बेंज को खिसकाकर इस साल 10वें स्थान पर जगह बनाई।
गत वर्ष की इंटरब्रांड रपट में अमेजन को 15वां स्थान दिया गया था।
सूची में फेसबुक को 23वीं जगह दी गई है। इसने सर्वाधिक ऊंची छलांग लगाई है।
इंटरब्रांड के वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेज फ्रैंपटन ने कहा, “रपट में यह विश्लेषण किया गया कि आज की अत्यधिक विभाजित दुनिया में एक ब्रांड कैसे सफल होता है। लोग तुरंत, नितांत निजी और अपनी जरूरतों के अनुरूप अनुभव चाहते हैं। व्यापार और ब्रांडों को जीवन की तरह गतिशील होना होता है।”
उन्होंने कहा, “इस साल के शीर्ष 100 ब्रांडों में से अधिकांश ने खुद को लोगों की प्राथमिकता के मुताबिक ढाला है। यानी, वे खुद को आम लोगों की रोजमर्रा जिंदगी से जोड़ पाई हैं।”
इस साल शीर्ष 100 में प्रौद्योगिकी और वाहन कंपनियों का दबदबा रहा, जिन्होंने कुल 28 जगह हासिल की।
बयान में कहा गया है, “खासकर प्रौद्योगिकी कंपनियों के ब्रांड मूल्य का सूची के कुल ब्रांड मूल्य में एक-तिहाई से अधिक (33.6 फीसदी) का योगदान रहा।”
बेस्ट ग्लोबल ब्रांड 2015 में शामिल होने वाली लेनेवो दूसरी चीनी कंपनी है। प्रथम कंपनी हुआवी (सूची में 88वें स्थान पर) है।