सैन फ्रांसिस्को, 16 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। विश्व की शीर्ष मोबाइल फोन निर्माता कंपनी एप्पल ने मंगलवार को सरकार (डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) द्वारा आतंकवादी के फोन पासवर्ड तोड़ने वाले दबाव पर इतिहास का हवाला दिया।
सैन फ्रांसिस्को, 16 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। विश्व की शीर्ष मोबाइल फोन निर्माता कंपनी एप्पल ने मंगलवार को सरकार (डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) द्वारा आतंकवादी के फोन पासवर्ड तोड़ने वाले दबाव पर इतिहास का हवाला दिया।
उन्होंने कहा है कि कंपनी ने कभी भी ग्राहकों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया। कंपनी ने आरोप लगाया है कि सरकार उस पर इतिहास को बदलने का दबाव डालकर ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने की विनती कर रही है, जिससे फोन खुल सके।
गौरतलब है कि पिछले साल 2 दिसंबर को कैलीफोर्निया के सान बरनाडिनो में हुए आतंकवादी वारदात में पुलिस को आतंकी सईद फारुख का आईफोन मिला था, जो अपनी पत्नी तश्फीन मलिक के साथ इस वारदात में मारा गया था। इस फोन को एक अहम सबूत माना जा रहा था, लेकिन फोन में पड़े लॉक की वजह से पुलिस सबूत हासिल करने में असमर्थ रही।
इसके बाद सरकार ने एप्पल कंपनी को फोन का पासवर्ड खोलने के लिए कहा था, लेकिन कंपनी ने ग्राहक सुरक्षा का हवाला देते हुए इस बात से इंकार कर दिया। जिसके बाद से कंपनी और सरकार के बीच तनातनी चल रही है।
इस फोन में एक खास फीचर है, जिसके तहत अगर फोन का लॉक खोलने के लिए 10 बार असफल प्रयास होते हैं, तो फोन के अंदर मौजूद जानकारी नष्ट हो सकती है।
एप्पल कंपनी ने सेंट्रल कैलीफोर्निया यू.एस. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश शेरी पिम के सामने अपने इस नवीनतम तर्क को प्रस्तुत किया है। वहीं सरकार ने 10 मार्च को कंपनी पर आरोप लगाया था कि वह जानबूझकर ऐसी तकनीकी बाधाएं उत्पन्न करती है, जिससे फोन का संचालन बंद हो सके।
22 मार्च को न्यायाधीश पिम दोनों पक्षों की सुनवाई करेंगे, इसलिए एप्पल की ओर से अपनी सफाई में दाखिल किया गया यह आखिरी तर्क था।
इससे पहले 16 फरवरी को कंपनी को फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) के साथ फोन के पासवर्ड को तोड़ने का निर्देश मिल चुका है।