नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के फैसले का विरोध किया। महाजन ने स्टिंग मामले को सदन की आचार समिति के पास देज दिया है। स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों पर कथित रूप से घूस लेने का आरोप है।
अध्यक्ष के फैसले का विरोध करते हुए लोकसभा में वरिष्ठ तृणमूल नेता सौगत रॉय ने कहा, “आपने इस मामले को आचार समिति के पास भेज दिया है। हमलोग इसका विरोध करते हैं। यह आपका एकतरफा फैसला है। इस आशय का कोई प्रस्ताव पेश भी नहीं किया गया था। यह अन्याय है। “
रॉय का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष का यह एक तरफा फैसला परंपरा बन जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस तरह कोई भी व्यक्ति स्टिंग कर और सदन में मुद्दा उठा सकता है”
पश्चिम बंगाल के दमदम लोकसभा क्षेत्र से सांसद रॉय ने कहा कि वह पीठ का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें विवश होकर विरोध दर्ज कराना पड़ा।
रॉय को जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “पहले भी मामले सदन की आचार समिति के पास भेजे गए हैं।”
इस पर तृणमूल नेता रॉय ने कहा कि उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व वाली आचार समिति पर पूर्ण विश्वास है। समिति उनकी पार्टी के साथ न्याय करेगी।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्टिंग ऑपरेशन के मामले को जांच के लिए आचार समिति के पास भेज दिया था।
उन्होंने शून्यकाल समाप्त होने के तुरंत बाद यह घोषणा की थी।
एक समाचार पोर्टल द्वारा पश्चिम बंगाल में कराए गए स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को एक निजी कंपनी के लिए लॉबिंग के बदले रिश्वत लेते दिखाया गया है।
लोकसभा की 15 सदस्यीय आचार समिति के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी हैं। इसमें अर्जुन मेघवाल (भाजपा), करिया मुंडा (भाजपा), बी. माहताब (बीजू जनता दल), निनोंग एरिंग (कांग्रेस) और अक्षय यादव (समाजवादी पार्टी) आदि सदस्य हैं।
इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में काफी हंगामा भी हुआ।