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कुलेक्स मच्छर में भी जीका का पता चला

ब्राजीलिया, 4 मार्च (आईएएनएस)। आम धारणा यह थी कि मानव के लिए खतरनाक जीका वायरस केवल विशेष तरह के मच्छरों में ही पाया जाता है, लेकिन यह गलत साबित हुई। ब्राजील के वैज्ञानिकों ने आम मच्छर कुलेक्स में भी जीका वायरस का पता लगाया है।

इसका मतलब कि आम मच्छर भी इस वायरस से जुड़ी बीमारी को फैला सकते हैं। शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की खबर के अनुसार, यह परीक्षण 200 से अधिक कुलेक्स मच्छरों पर किया गया। इसके परिणामों को अभी सत्यापित किया जा रहा है और ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिससे यह पता चले कि कुलेक्स मानव को दूषित कर सकते हैं।

अब तक यह माना जा रहा था कि एडीज एइजिप्टी मच्छरों से ही जीका फैलता है। इसी मच्छर से डेंगू और चिकनगुनया भी फैलता है।

यह खोज रियो-डि-जनेरियो स्थित ओस्वाल्डो क्रूज फाउंडेशन (फियोक्रूज) ने की है। उसने जीका पर बुधवार को आयोजित एक संगोष्ठी में इसकी घोषणा की।

फियोक्रूज के शोधकर्ता अब जीका प्रभावित इलाके में कुलेक्स के नमूनों को खोज रहे हैं, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि कुलेक्स इस वायरस को किस हद तक फैलाते हैं। अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले इस पर छह से आठ माह तक अध्ययन होगा।

शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्राजील के शहरों में एडीज एइजिप्टी मच्छरों की तुलना में कुलेक्स मच्छर 20 गुना आम हैं। इस तरह के मच्छर दुनियाभर में पाए जाते हैं और वे गंदे पानी में अंडे देते हैं। ये एडीज एइजिप्टी के विपरीत हैं जो स्वच्छ पानी में पैदा होते हैं।

कुलेक्स का शहरी क्षेत्रों में फैलाव सफाई नहीं रहने की वजह से होता है। यह देश के गरीब इलाकों के लिए एक गंभीर मुद्दा है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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