मुंबई, 22 जनवरी (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को मेडिकल से जुड़े पेशेवरों व शोधकर्ताओं से कैंसर की रोकथाम व उपचार के लिए वैकल्पिक समाधन के लिए आयुर्वेद जैसी भारतीय प्रणाली में अनुसंधान करने को कहा।
नायडू ने उनसे पथप्रदर्शक खोज करने का आह्वान किया। उन्होंने देसी और लागत प्रभावी विकल्प तलाशने की आवश्यकता पर बल दिया, जो कैंसर के उपचार के लिए उपयोगी और खर्च वहन योग्य भी हो।
टाटा मेमोरियल सेंटर के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में उप राष्ट्रपति ने लोगों के बीच कैंसर के प्रति जागरूकता और शिक्षा फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों को विभिन्न तरह के कैंसर के लिए उपलब्ध इलाज की जानकारी होनी चाहिए।
नायडू ने कहा, “भारत में कैंसर को लेकर लोगों में बड़ी चिंता है और यह मौत का दसवां सबसे बड़ा कारण बन गया है। इसका इलाज भी महंगा है।”
उन्होंने लोगों को जांच करवाने की सलाह दी जिससे आरंभिक अवस्था में कैंसर के बारे में पता चल सके। उन्होंने कहा कि लोगों को खासतौर से अपने रहन-सहन और सोच में अपने मूल की तरफ जाना चाहिए।
एक अनुमान के आधार पर भारत का खतरा बढ़ सकता है और 2012 में सामने आए करीब 10 लाख मामलों के मुकाबले 2035 में 17 लाख मरीज कैंसर से पीड़ित हो सकते हैं।
टीएमसीएच में पंजीकृत मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2010 में जहां 53,000 मामले थे वहां आज 65,000 हो गए हैं। इसके अलावा 4,50, 000 फोलोअप में आने वाले मरीज हैं।