चंडीगढ़, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रतिवाद दाखिल करने को कहा। ऐसा इसलिए कि भारत को कोहिनूर हीरा लौटाने पर फैसला देने के पहले सर्वोच्च अदालत कमेटी की बात भी सुन पाए।
चंडीगढ़, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रतिवाद दाखिल करने को कहा। ऐसा इसलिए कि भारत को कोहिनूर हीरा लौटाने पर फैसला देने के पहले सर्वोच्च अदालत कमेटी की बात भी सुन पाए।
पंजाब के उपमुख्यमंत्री बादल के मीडिया सलाहकार जगवीर सिंह ने कहा, “एसजीपीसी जनहित याचिका में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करेगी और उस हीरे को इस धार्मिक संस्था को लौटाने की मांग करेगी जो अभी ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में है।”
उन्होंने कहा, “यह दावा इस आधार पर किया जाएगा कि महाराजा रणजीत सिंह खालसा राज के प्रमुख थे। इस तरह की किसी प्रणाली के अभाव में एसजीपीसी ही सिख समुदाय की प्रतिनिधि है जिसका वास्तव में वह हीरा है।”
एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने मंगलवार को कोहिनूर को सिख समुदाय को लौटाने की मांग की थी क्योंकि 19वीं शताब्दी में यह सिख साम्राज्य का हिस्सा था।
इस मुद्दे पर एक और फैसले में सत्तारूढ़ अकाली दल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात के लिए पार्टी नेताओं की जिम्मेदारी तय की है ताकि वे सिख समुदाय की ओर से उन्हें एक प्रतिवेदन दे सकें। साथ ही केंद्रीय संस्कृति मंत्री की ओर से इसी हफ्ते अदालत में दिए गए गलत बयान को समझा सकें।
पार्टी के बयान में कहा गया है कि अकाली दल का प्रनिनिधिमंडल सुषमा स्वराज को यह समझाएगा कि पंजाब के आखिरी शासक महाराजा दिलीप सिंह से कोहिनूर लूटा गया था।
पार्टी ने कहा है कि किसी भी तरह से इसे मुआवजा या उपहार देना नहीं माना जा सकता है।
यह भी कहा गया है कि पार्टी को इसका पूरा विश्वास है कि केंद्र इस पर पुनर्विचार करेगा।
बयान में कहा गया है, “हमारा मानना है कि कोहिनूर को लौटा कर जो गलत हुआ है उसे सही किया जा सकता है।”
सिखों और अंग्रेजों के युद्ध के बाद जब ब्रिटेन ने सिख शासन वाले अविभाजित पंजाब पर कब्जा कर लिया था तब महारानी विक्टोरिया को 108 कैरेट का कोहिनूर हीरा उपहार स्वरूप दिया गया था।
टावर ऑफ लंदन में कड़ी सुरक्षा के बीच कोहिनूर को रखा गया है। इस हीरे पर भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान दावा करते हैं।