Thursday , 9 May 2024

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गन्ना किसानों से केंद्र व प्रदेश सरकार का सौतेला व्यवहार : रालोद

प्रदेश सरकार की ढुलमुल नीति के कारण गत वर्ष के गन्ना मूल्य का बकाया किसानों को नहीं मिल पा रहा है और आगामी सत्र के लिए गन्ने का लाभकारी मूल्य भी घोषित नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि रालोद नेता व कार्यकर्ता चीनी मिलों में पेराई प्रारम्भ कराने तथा बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान को लेकर 6 नवम्बर को गन्ना आयुक्त का घेराव करेगा, जिसमें किसान मंच के संयोजक शेखर दीक्षित भी अपने साथियों के साथ शामिल होंगे।

चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा चीनी मिलों को तमाम रियायतें देने के बावजूद चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का इस समय भी करोड़ों रुपये बकाया है लेकिन मिल मालिकों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय प्रदेश सरकार चीनी मिल मालिकों का हित ही साधने में लगी है। उन्होंने कहा कि अभी तक गन्ने का अनुरक्षण भी जारी नहीं किया गया है जिससे किसानों में ऊहापोह की स्थिति है।

सपा ने चुनाव पूर्व 400 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य देने का वादा किया था परन्तु गत 2 वर्षो से गन्ना मूल्य में कोई इजाफा नहीं किया गया इसके विपरीत गन्ना मूल्य किश्तों में देने का आदेश जारी कर दिया गया और वह अभी तक मिल भी नहीं सका है।

चौहान ने कहा कि गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सिर्फ रालोद ने ही एतिहासिक संघर्ष किया है और आगे भी करता रहेगा और यदि 6 नवम्बर के बाद भी मिलों में पेराई प्रारम्भ न हुई तो पार्टी को मजबूर होकर बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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