वाराणसी, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले कुछ दशकों में ‘गरीबी हटाओ’ महज एक राजनीतिक नारा बनकर रह गया है और गरीबों के जीवन में बदलाव लाने की कोशिशें नाकाम रही हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रिक्शा चालकों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव के दौरान गरीबी की माला जपते रहना एक आम बात है।”
मोदी ने गरीबों में ई-रिक्शा वितरित करने के बाद कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सरकारी योजनाओं में बुनियादी बदलाव के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि गरीब का वास्तव में भला हो।
मोदी ने कहा, “हमने कौशल विकास सहित कई चीजें शुरू की हैं, जिससे गरीब अपनी जिंदगी एक नए सिरे से और बेहतर आर्थिक तरीके से शुरू कर पाएंगे।”
उन्होंने कहा कि हालांकि उनकी मंशा देश के गरीब तबके की दयनीय स्थिति के लिए किसी पिछली सरकार या राजनीतिक दल को दोष देने की नहीं है।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस ने 1970 के दशक की शुरुआत में गरीबी हटाओ नारा गढ़ा था।
मोदी ने लोगों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘शिक्षा गरीबी से लड़ने का अहम हथियार है।’
उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि कैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा शुरू की गई जन धन योजना से गरीबों को लाभ हुआ है और करीब 18 करोड़ बैंक खाते खोले गए।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, राज्य सरकार के मंत्री बलराम यादव और जिला अधिकारी ने यहां प्रधानमंत्री का स्वागत किया।