वाशिंगटन, 26 मार्च (आईएएनएस)। गर्भ में पल रहे शिशुओं के लिए वायु प्रदूषण बेहद घातक है, क्योंकि यह शिशुओं में मस्तिष्क और व्यवहार संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इससे मस्तिष्क से संबंधित अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर (एडीएचडी) के लक्षण भी सामने आ सकते हैं।
अमेरिका में कुल 40 बच्चों पर किए गए अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह अध्ययन पॉलिसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (पीएएच) पर ध्यान केंद्रित करता है, जो एक जहरीला वायु प्रदूषक है। यह वाहनों, कोयले के जलने तथा धूम्रपान से उत्पन्न होता है।
चिल्ड्रन हॉस्पिटल लॉस एंजेलिस तथा कोलंबिया विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएएच अपरा (प्लेसेंटा) को पार कर सकता है और शोध के अनुसार, यह शिशु के व्यवहार तथा सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
मस्तिष्क पर पीएएच के प्रभाव का परिणाम जानने के लिए शोधकर्ताओं ने 40 बच्चों पर अध्ययन किया।
चिल्ड्रन हॉस्पिटल लॉस एंजेलिस के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट माइंड के निदेशक ने एक बयान में कहा, “हमारे निष्कर्ष में इस बात का खुलासा हुआ है कि पीएएच के कारण एडीएचडी तथा मस्तिष्क संबंधी अन्य रोग होते हैं। यह मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है।”
यह अध्ययन पत्रिका ‘जेएएमए साइकेट्री’ में प्रकाशित हुआ है।