रालोद प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा, “प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर की स्वास्थ्य सेवाओं में अपार लापरवाही के फलस्वरूप एक साथ इतने मासूमों की मृत्यु उप्र के स्वास्थ्य विभाग की ऐतिहासिक एवं दुखद घटना है। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जनपद का यह हाल है तो फिर प्रदेश के अन्य जिलों का अनुमान प्रदेश की जनता को खुद कर लेना चाहिए।”
अहमद ने कहा, “माता-पिता जब अपने मासूम बच्चों के शवों को गोद में लेकर अस्पताल से निकल रहे थे तो उस दृश्य को देखकर लोगों का कलेजा बैठ रहा था। शर्म की बात यह है कि जिस ऑक्सीजन की कमी के चलते एक साथ इतने बच्चे काल के गाल में समा गए उसी कमी को मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं जिला प्रशासन छिपाने का घृणित प्रयास कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र दे देना चाहिए। ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य मंत्री केवल सरकार के प्रवक्ता ही बने रहे। स्वास्थ्य जैसे विभाग का उत्तरदायित्व निर्वाह करने की क्षमता उनमे नहीं है।”