सेंट्रल कमिशन फॉर डिस्पिलीन इंस्पेक्शन (सीसीडीआई) ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि सांग मामले की जांच में पता चला है कि सांग ने पदोन्नति और अन्य को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। इसके साथ ही वह जबरन वसूली और रिश्वत लेने के मामलों में भी लिप्त थे।
उन्होंने व्यक्तिगत फायदे के लिए सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया। सांग ने समवर्ती पदों पर काबिज होने और पैसे की उगाही कर पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया। उन्हें सरकार के मितव्ययिता नियमों का उल्लंघन करने (सरकारी पैसे का इस्तेमाल गोल्फ खेलने) और गबन एवं व्यभिचार का दोषी पाया गया है।
बयान में कहा गया है कि सीसीडीआई की स्थाई समिति ने सीपीसी से सांग को निष्कासित करने के फैसले की समीक्षा की, जिसे बाद में सीपीसी की केंद्रीय समिति ने मंजूरी दे दी। राज्य परिषद की मंजूरी के बाद सांग को सार्वजनिक पदों से बर्खास्त किया जाएगा। इसके साथ ही उनके मामले को न्यायिक संगठन को सौंप दिया जाएगा।