एसपीसी के प्रवक्ता सुन जुंगांग ने गुरुवार को कहा कि मामलों में किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराध शामिल हैं, जिनमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, झगड़ना, लूट व यौन उत्पीड़न जैसे अपराध हैं। उन्होंने कहा कि 38 मामले जानबूझकर चोट पहुंचाने के हैं।
उन्होंने कहा कि अपराधियों की आयु 15-17 साल के बीच, जबकि पीड़ितों की आयु 14-16 साल के बीच है और अधिकांश मामले बीजिंग से हैं और लड़कों से संबंधित हैं।
सुन ने कहा, “इंटरनेट तक बढ़ती पहुंच और आत्मनियंत्रण न होने की वजह से किशोर ऑनलाइन पोर्नोग्राफी व हिंसा के प्रभाव में आकर उसके शिकार हो जा रहे हैं।”
सुन ने यह भी कहा कि किशोरों द्वारा किए जाने वाले ऐसे अपराध किशोर को शिक्षित करने में स्कूल व माता-पिता की लापरवाही का नतीजा होते हैं।