क्लब ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।
चीन की प्रमुख दवा कंपनियों में से एक, हुआंघाई फार्मास्यूटिकल ने और बार्सिलोना क्लब के बीच हुए समझौते के चलते इस स्कूल को एफसीबीईस्कोला किंगदाओ हुआंघाई नाम दिया गया है।
बार्सिलोना के कैम्प नोऊ स्टेडियम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बार्सिलोना क्लब के पहले अध्यक्ष, जोर्डी काडरेनर ने इस बात को साझा किया कि स्कूल निर्माण से चीन में भी बार्सिलोना की जड़ें मजबूत होंगी और नागरिकों के साथ जुड़ाव बढ़ेगा।
जोर्डी ने स्कूल निर्माण से फुटबाल के साथ-साथ संस्कृति के आदान-प्रदान पर प्रकाश डालते हुए कहा, “चीन के बच्चों को इससे क्लब के खिलाड़ियों की भांति ही प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा। जिनमें मेसी भी शामिल हैं।”
जोर्डी ने चीन के स्कूलों के प्राथमिक और माध्यमिक पाठ्यक्रम में फुटबाल को एक विषय के रूप में शामिल किए जाने की भी प्रशंसा की।
चीन के वुहान शहर और विश्व के अन्य स्थानों पर भी बार्सिलोना क्लब के कई स्कूल हैं। इन स्कूलों में क्लब द्वारा चुने गए कोच ही बच्चों को फुटबाल का प्रशिक्षण देते हैं।
एफसीबीईस्कोल्स के निदेशक, ऑस्कर ग्राऊ ने किंगदाओ शहर का परिचय करवाया और यह भी बताया कि इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके शुरुआत में वह 504 बच्चों को दो समूहों में विभाजित करेंगे। जिसमें 288 बच्चे ब्रांच स्कूल और 216 बच्चे लाओशान स्कूल में विभाजित किया जाएगा।
किंगदाओ हुआंघाई दवा कंपनी के निदेशक, वांग जेकाई ने दोनों देशों में किंगदाओ और बार्सिलोना की फुटबाल परंपरा में समानता पर प्रकाश डाला।
बार्सिलोना क्लब के पास अब पांच महाद्वीपों के 50 से अधिक देशों में कुल 17 अंतर्राष्ट्रीय स्कूल हो जाएंगे, जिसमें एफसीबीईस्कोला किंगदाओ हुआंघाई स्कूल भी शामिल हैं। इनमें 30,000 से अधिक बच्चे स्कूल की गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।