चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गाओली और सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ताओ ची हेन ने मंगलवार को सिंगापुर में इन बैठकों की सहअध्यक्षता की। सिंगापुर में चीन के राजदूत चेन शियाडोंग के मुताबिक, इस परियोजना के तहत भंडारण (लॉजीस्टिक्स) और वित्त पर ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना भौगोलिक दृष्टि के तहत अधिक दूरगामी होगी। गौरतलब है कि चीन और सिंगापुर के कूटनीतिक संबंधों को 25 साल पूरे हो गए हैं।
चीन अब सिंगापुर का मुख्य व्यापारिक साझेदार है, जबकि सिंगापुर के लिए चीन सबसे बड़ा निवेश स्रोत है। दोनों देशों के बीच व्यापार 1990 के 2.8 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 2014 में 95.8 अरब डॉलर हो गया।