पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग के संचालक राकेश चतुर्वेदी और उपसंचालक राहुल सिंह ने कहा कि देवरी जिला बलौदा बाजार-भाटापारा में संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व द्वारा किए जा रहे उत्खनन कार्य के दौरान टीम को शिवनाथ की सहायक नदी जमुनिया के तटवर्ती क्षेत्र में सर्वेक्षण के दौरान मध्य और उच्च पुरापाषाण काल के मानव द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले पत्थर के कुछ औजार प्राप्त हुए हैं।
देवरी के उत्खनन से पहले दो प्रस्तर उपकरण मिले थे, जो इस क्षेत्र में प्रागैतिहासिक मानव की उपस्थिति का संकेत दे रहे थे।
दोनों अधिकारियों ने उत्खनन निदेशक डॉ. वृषोत्तम साहू और टीम के सदस्यों डॉ. अतुल प्रधान, प्रवीण तिर्की, चेतन मनहरे और प्रभात कुमार सिंह ने जमुनिया नदी के तट का सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण के दौरान जमुनिया नदी के दोनों धाराओं के संगम के निकट से मध्य और उच्च पुरापाषाण काल के प्रस्तर उपकरण जैसे फलक, ब्लेड, कोर और अर्धचंद्राकार औजार प्राप्त हुए हैं, जो चर्ट, अगेट और चेल्सिडोनी पत्थर से बनाए गए हैं। इन औजारों को आदिमानव द्वारा उपयोग में लाए जाने के भी चिन्ह देखे जा सकते हैं।
देवरी के टीलों के उत्खनन कार्य के विस्तार के दौरान पहले प्राप्त ईंट निर्मित दो शिव मंदिरों के ठीक दक्षिण में एक-दो मीटर वर्गाकार ईंट निर्मित संरचना प्रकट हुई है। इन मंदिरों को चारों ओर से घेरे हुए लगभग एक मीटर चौड़ी एक भित्ति के अवशेष भी सामने आ रहे हैं। पूर्व में इस स्थल से कलचुरीकाल के तांबे के सिक्के, विष्णु और चंवरधारिणी की प्रतिमाएं भी प्राप्त हो चुकी हैं।