रायपुर, 18 सितम्बर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा शासकीय अस्पतालों में मरीजों को नि: शुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है। दवा वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत मरीज शासकीय अस्पतालों से दवाइयां न मिलने पर टोल फ्री नंबर 104 डॉयल कर शिकायत कर सकते हैं।
रायपुर, 18 सितम्बर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा शासकीय अस्पतालों में मरीजों को नि: शुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है। दवा वितरण प्रणाली में पारदर्शिता के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत मरीज शासकीय अस्पतालों से दवाइयां न मिलने पर टोल फ्री नंबर 104 डॉयल कर शिकायत कर सकते हैं।
इसके अलावा अस्पतालों की ओपीडी पर्ची में नीले रंग में मुहर लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक आर. प्रसन्ना ने इस आदेश का पालन करने के निर्देश प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टर द्वारा मरीजों के लिए लिखी पर्ची में अगर ब्रांडेड दवा या फिर दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, बाहर से खरीदनी पड़ रही है तो शिकायत कर सकते हैं। दवा पर्ची में शिकायत करने का मुख्य उद्देश्य ब्रांडेड दवा लिखने पर रोक लगाने के साथ-साथ मरीजों को अस्पताल से ही दवाई उपलब्ध कराना है।
आर. प्रसन्ना ने कहा कि मरीजों को अगर अस्पताल से दवाई नहीं दी जाती है तो इसकी शिकायत वे 104 डॉयल कर हेल्पलाइन सेवा में दर्ज करा सकते हैं। शिकायत सीधे ‘संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं’ को दी जाएगी। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऐसी दवाइयां जो मरीजों के लिए आवश्यक है, लेकिन आवश्यक दवाइयों की सूची में उपलब्ध नहीं हैं, तब भी चिकित्सक उसे शासकीय दवाई पर्ची में लिखेंगे।