बस्तर क्षेत्र के आईजी एस.आर.पी. कल्लूरी एवं दंतेवाड़ा के एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि मोखपाल थाना कुआकोंडा साप्ताहिक बाजार से नक्सलियों को दैनिक उपयोग की सामान पूर्ति होने की जानकारी मिल रही थी। डीआरजी से स्मॉल एक्शन टीम, थाना कुआकोंडा एवं 195वीं बटालियन सीआरपीएफ कैम्प (बड़ेगुडरा) की टीम को साप्ताहिक बाजार मोखपाल के आस-पास के इलाके में तैनात किया गया था।
इस अभियान में 4 नक्सली सदस्य हिड़मा (पिता जोगा पोड़ियामी), पांडु (पिता जोगा सोढ़ी), गाली (पिता देवा मुचाकी) एवं जोगा (पिता देवा मड़कामी) को दबोचने में कामयाबी मिली।
इसी प्रकार 111वीं बटालियन सीआरपीएफ कैम्प पालनार को पालनार क्षेत्र में माओवादियों को पहचानने वाले व्यक्तियों के साथ नाकेबंदी पर लगाया गया था, जो माओवादी कोसा (पिता नंदा कोड़ोपी) को पकड़ने में सफल हुए।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार माओवादियों की काफी दिनों से कई प्रकरणों में तलाश थी। पकड़ाए नक्सली हॉल ही में रोड खोदने, जंगल में गड्डा खोदकर स्पाइक (रॉड) लगाने जैसी लगातार वारदात अपने साथियों के साथ कर रहे थे। इनसे पूछताछ पर इन्होंने 15 अगस्त को ग्राम धनीकरका पोटा केबिन आश्रम में काला झंडा फहराने व 28 सितंबर 15 को ग्राम कंडकीपारा में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहना स्वीकार किया है। गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ के दौरान अहम सुराग हाथ लगे हैं।