पटना, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य आऱ एस़ पाण्डेय ने कहा कि पुराने जनता दल परिवार का विलय कृत्रिम विलय है। कल तक जो एक दूसरे की आलोचना करते थे, वे साथ आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विलय ‘जनता’ का नहीं ‘परिवार’ का है।
पटना, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य आऱ एस़ पाण्डेय ने कहा कि पुराने जनता दल परिवार का विलय कृत्रिम विलय है। कल तक जो एक दूसरे की आलोचना करते थे, वे साथ आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विलय ‘जनता’ का नहीं ‘परिवार’ का है।
पूर्व केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव और भाजपा नेता पाण्डेय ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि कहा, “जनता दल परिवार के विलय से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए आगामी विधानसभा चुनाव आसान हो गया है। राजग निश्चित रूप से चुनाव जीतेगी, क्योंकि बिहार और भारत का भविष्य सही नीतियों और सही कार्यकलापों पर आधारित होगा।”
उन्होंने कहा कि जनता दल के नाम पर यह विलय एक कृत्रिम विलय है। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि इस विलय से ‘जनता’ गायब है और केवल ‘परिवार’ है।
बकौल पाण्डेय, “यह एक निगेटिव गठबंधन है। इनका उद्देश्य समाज को फायदा पहुंचाना नहीं, बल्कि राजग को नुकसान पहुंचाना है।”
भूमि अधिग्रहण विधेयक के विषय पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों के हित को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जरूरत के मुताबिक ही ज़मीन ली जाए, उचित मुआवजा दिया जाए, नौकरी की व्यवस्था की जाए और आर्थिक व औद्योगिक प्रगति के लिए इंफ्रास्ट्रक्च र बने, इन सब का संतुलित प्रयास किया गया है। विपक्ष बहकाने वाली बात कर रही है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में नौ संशोधन किए गए हैं, और अब इसकी आलोचना जायज नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा, “मांझी जी के प्रति लोगों में सहानुभूति है। एक विशेष वर्ग में, जिसमें अधिक लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनमें उनकी पकड़ है। मांझी जी जिसके साथ रहेंगे, उन्हें चुनाव में जरूर फायदा होगा।”
पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पाण्डेय ने कहा कि भाजपा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ेगी।
उन्होंने कहा, “भाजपा में नरेंद्र मोदी का चेहरा सबसे बड़ा है और देशव्यापी है। जैसे महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव हुए और भाजपा को विजय मिली, बिहार में भी निश्चित रूप से विजय मिलेगी।” पाण्डेय ने हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव का जिक्र नहीं किया, जहां पार्टी ने मोदी के नाम पर ही वोट मांगा था और परिणाम निराशाजनक रहा।
मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं करने पर चुनाव में प्रभाव पड़ने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में भी तो चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा नहीं की गई थी, तो क्या हो गया?
उल्लेखनीय है कि सरकारी नौकरी में कई बड़े ओहदे पर रहने के बाद पाण्डेय वर्ष 2013 में राजनीति आए और भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। राजनीति में आने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समाज के प्रति भी हम सबलोगों का दायित्व होना चाहिए और वह राजनीति में आकर इसी दायित्व को निभाना चाहते हैं।