जबलपुर, 25 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक रमेश चंद्रा ने रेल बजट आने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि जबलपुर-इंदौर नई रेल लाइन (342 किलोमीटर) स्वीकृत हुई है, जिसकी लागत 4320 करोड़ रुपये आएगी।
उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए गुरुवार को कहा कि यह जबलपुर-इंदौर नई रेल लाइन 342 किलोमीटर है, वह गाडरवाड़ा, उदयपुरा, बुदनी, कन्नौर होते हुए इंदौर जाएगी। इसके साथ ही पश्चिम मध्य रेल पर 29 आरओबी स्वीकृत हुए हैं, जिन पर 1200 करोड़ लागत होगी।
उन्होंने आगे कहा कि सातवे वेतन आयोग के लागू होने पर भारतीय रेल पर लगभग 42 हजार करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इसके बावजूद यात्री किराया एवं माल भाड़े में कोई भी वृद्धि नहीं की गई। यह रेलवे की दक्ष कार्यकुशलता और कम खर्च से संभव होगा।
चंद्रा ने कहा कि भारतीय रेल में यात्री और माल भाड़ा का परिचालन अनुपात का लक्ष्य 92 प्रतिशत रखा गया है। इसी दिशा में पश्चिम मध्य रेल का परिचालन अनुपात का लक्ष्य 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत रखा गया है।
संरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने वर्ष 2019 तक पूर्ण रूप से मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, जबकि पश्चिम मध्य रेल ने सितंबर 2015 में ही यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
चंद्रा ने कहा है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 4़ 3 किलोमीटर प्रतिदिन की रफ्तार से नई रेल लाइन का निर्माण हो रहा था जो कि वित्तवर्ष 2016-17 में सात किलोमीटर प्रतिदिन, वर्ष 2017-18 में 13 किलोमीटर एवं वर्ष 2018-19 में 19 किलोमीटर प्रतिदिन का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय रेल पर सभी परिचालन ठहरावों को वाणिज्यिक ठहरावों में बदला जाएगा वर्तमान में पश्चिम मध्य रेल पर ऐसे 25 परिचालन ठहराव है।
इस बजट में पश्चिम मध्य रेल पर विजयपुर-मक्सी (188 किलोमीटर) और गुना-ग्वालियर (220 किमी) के खंड का विद्युतीकरण स्वीकृत हुआ है। इटारसी स्टेशन पर ग्रेड-सेप्लेटर लाई ओवर स्वीकृत हुआ है, जिसकी लागत 162 करोड़ रुपये होगी।