श्रीनगर, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में शरद ऋतु सत्र के पहले दिन ही एक निर्दलीय विधायक ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोकट्रिक पार्टी (पीडीपी) की गठबंधन सरकार पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए खूब हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
विधायक इंजीनियर राशिद ने सदन में मौजूद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से गोमांस प्रतिबंध के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, “राज्य में मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आप (सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन) आरएसएस के एजेंडे को आगे ले जा रहे हैं। यह सफल नहीं होगा।”
राशिद ने विधानसभा में एक बैनर भी दर्शाया, जिसमें लिखा था, “धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं।”
विधानसभा अध्यक्ष कविंदर गुप्ता जब पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व मंत्री गुलाम रसूल कार और मीर गुलाम मुहम्मद को श्रद्धांजलि दे रहे थे तब राशिद ने कहा, “कृपया जीवित लोगों के बारे में बोलिए, न कि मृत लोगों के बारे में।”
विधानसभा में हंगामा के दौरान राशिद ने अध्यक्ष की आसंदी की ओर बढ़ने की कोशिश भी की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।
राशिद इसके बाद यह कहते हुए सदन से बाहर चले गए कि अध्यक्ष ने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी।
निर्दलीय विधायक 1862 के उस कानून को रद्द करने के लिए पहले ही विधानसभा में एक विधेयक पेश कर चुके हैं, जो गोहत्या, गोमांस की बिक्री और इसे रखने पर प्रतिबंध लगाता है।
मुख्यमंत्री सईद और विपक्ष के नेता उमर अबदुल्ला ने सदन में पूर्व राष्ट्रपति कलाम और अन्य को श्रद्धांजलि दी।
विधानसभा में उनके सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया। इसके पश्चात विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।