नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पारंपरिक त्योहार पोंगल के दौरान खेले जाने वाले खेल जलिकट्ट पर रोक के अपने आदेश को रद्द करने से बुधवार को इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एन. वी. रमन की पीठ ने जलिकट्ट को अनुमति देने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने के अपने फैसले को निरस्त करने से इंकार कर दिया।
न्यायाधीशों ने याचिकाकर्ता रामकृष्णा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि जलिकट्ट पर प्रतिबंध के सर्वोच्च न्यायालय के मंगलवार के आदेश को रद्द नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह खेल बैलों पर अत्याचार है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने भी इसके आयोजन को लेकर केंद्र सरकार से मदद मांगी थी।
राज्य सरकार का तर्क है कि इस आयोजन के पीछे पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हैं, इसलिए इसके आयोजन को नहीं रोका जाना चाहिए।
ज्ञात हो कि जलिकट्ट तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में पोंगल के अवसर पर आयोजित किया जाने वाला खेल है, जिसमें युवा इनाम राशि जीतने के लिए सांड़ों के कूबड़ पर चढ़ते हैं।