Tuesday , 7 May 2024

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जावेद अख्तर ने किया दादा के कविता संग्रह का विमोचन

अलीगढ़, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। कवि और फिल्म गीतकार जावेद अख्तर ने अपने दादा मुजतर खराबादी की खास कविताओं के संग्रह ‘खरमन’ (फसल काटना) का विमोचन किया है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक सांस्कृतिक और साहित्यिक शाम अख्तर ने खुलासा किया कि मुंबई में अपना फ्लैट बदलने के दौरान उन्हें अपने दादाजी का दुर्लभ कविता संग्रह मिला।

अख्तर के मुताबिक, “मुझे अपने दादा के सामान में एक गत्ते का डिब्बा मिला। मुझे समझ नहीं आया कि उसका क्या करूं, इसलिए मैंने उसे स्टोर में रख दिया और उसके बारे में भूल गया।”

काफी समय बाद उन्हें मुजतर के दोस्तों और साहित्यिक दिग्गजों के पत्र और खराबादी की अपनी लिखावट में अप्रकाशित कविताओं की पांडुलिपियां मिलीं।

अख्तर के मुताबिक खराबादी की कोई भी कविता उनके जीवनकाल में प्रकाशित नहीं हुई थी।

अख्तर ने कहा, “मुजतर की एक बेहद प्रचलित गजल ‘न किसी की आंख का नूर हूं, न किसी के दिल का करार हूं, जो किसी के काम न आ सके मैं वो एक मुश्त-ए-गुबार हूं’ को अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का बताया गया है जो गलत है।”

जावेद अख्तर ने किया दादा के कविता संग्रह का विमोचन Reviewed by on . अलीगढ़, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। कवि और फिल्म गीतकार जावेद अख्तर ने अपने दादा मुजतर खराबादी की खास कविताओं के संग्रह 'खरमन' (फसल काटना) का विमोचन किया है।अलीगढ़ मुस अलीगढ़, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। कवि और फिल्म गीतकार जावेद अख्तर ने अपने दादा मुजतर खराबादी की खास कविताओं के संग्रह 'खरमन' (फसल काटना) का विमोचन किया है।अलीगढ़ मुस Rating:
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