पणजी, 11 नवंबर (आईएएनएस)। गोवा कांग्रेस के प्रमुख शांताराम नाइक ने शनिवार को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद द्वारा शुरू में करों की दर ‘बहुत ज्यादा’ रखने को लेकर सीबीआई द्वारा जांच की मांग की। पार्टी का दावा है कि इससे केंद्र और राज्य सरकार को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
नाइक ने एक बयान में कहा, “सीबीआई को स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले की जांच करनी चाहिए, जिसमें जीएसटी परिषद द्वारा करों की दरें अत्यधिक रखने के कारण केंद्र और राज्य सरकारों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और राजस्व सचिव हसमुख अधिया इस नुकसान के जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, “20,000 करोड़ रुपये का यह नुकसान काल्पनिक हो सकता है। लेकिन, अतीत में मोदी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को दोषी ठहराने के लिए काल्पनिक नुकसान पर अत्यधिक भरोसा था।”
नाइक पहले कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय को लेकर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे हैं।
नाइक ने कहा, “20,000 करोड़ रुपये का नुकसान काल्पनिक हो सकता है, लेकिन इससे केंद्र और राज्य सरकारों को जो नुकसान हुआ है, वह असली है और प्रधानमंत्री ने सरकार के प्रमुख होने के नाते, जिन्होंने देश को झूठे आश्वासन दिए और एक झूठी आर्थिक तस्वीर बनाई और अब अपने इस प्रमुख फैसले को वापस ले रहे हैं, वही पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि वस्तु एवं सेवा कर छोटे व्यापारियों और आम आदमी के लिए एक ‘आर्थिक आतंकवाद’ है, यही कारण है कि परिषद की हर बैठक में दरों में संशोधन किया जा रहा है।
नाइक ने कहा, “वे आपराधिक लापरवाही, भरोसा तोड़नेवाले, जालसाजी और शरारत भरे फैसले से अर्थव्यवस्था में गड़बड़ी पैदा कर रहे हैं, जिसकी जांच की जानी चाहिए।”
जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को गुवाहाटी में हुई अपनी बैठक में 178 सामानों पर कर की दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया है।